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दिल्ली में डीटीसी की खस्ता हालत  

दिल्ली आबादी के घनत्व के हिसाब से देश में पहला स्थान रखता है। रोजगार व शिक्षा के बेहतर अवसर की तालाश में आज भी दूसरे शहरों से बड़ी संख्या में लोग यहां आकर रहते है। ऐसे में दिल्ली पर आबादी का अधिक भार पड़ता है और इसी अनुपात में अगर हम सार्वजनिक परिवहन की बात करें तो मेट्रों व डीटीसी, कलस्टर बसों पर काफी बड़ी संख्या में लोगों का भार पड़ता है। दिल्ली मेट्रों की बात की जाए तो रोजाना औसतन 50 लाख से अधिक लोग मेट्रों का इस्तेमाल करते है। जबकि बसों की लिहाज से देखे तो रोजाना 30 लाख से अधिक लोग सफर करते है।

अब यहां आप यह सोच रहे होंगे कि मैं आपको सवारियों का गणित क्यों बता रहा हूं। दरअसल, यह बात  सामने रखने का मतलब सिर्फ यही है कि दिल्ली में रोजाना 60-65 लाख लोग सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करते है। मगर इसमें अगर डीटीसी बसों की हालत देखी जाए तो खासकर (लाल ऐसी बस) की हालत काफी खस्ता ही मिलती है। अक्सर सवारियां ऐसी खराब होने की शिकायत करते हैं। जबकि किराया आपसे ऐसी का ही वसूला जाएगा मगर यात्रियों की सुविधा के मामले में यह गैर-ऐसी बसों से भी खराब रहती है एक तो बस में खिलड़ी न होने के कारण यात्रियों का  बुरा हाल होता है। गर्मियों के मौसम में तो यह और ज्यादा बदतर हो जाती है। इसी के साथ  कई नॉन ऐसी व कलस्टर बसें अपनी निर्धारित तय सीमा को पार कर चुकी है, जिनकी हालत काफी खराब है किसी की सीट टूटी है तो किसी का गेट के संचालन में दिक्कत। आये दिन दिल्ली में बसों के बीच रास्ते में खराब होनें से सवारियों को परेशान होना पड़ता है। अब यहां सवाल यह उठता है कि आखिर दिल्ली सरकार जो दावे करती है कि डीटीसी के बेड़े में इतनी बसें और जुड़ी, तो क्या वह यह रिकोर्ड भी रखती है कि दिल्ली में महीने भर के अंतराल में कितनी बसें खराब होती है? दिल्ली परिवहन विभाग के अनुसार दिल्ली में वर्तमान समय में डीटीसी और कलस्टर बसों को मिलाकर कुल 7373 बसें संचालित है। इसके साथ ही दिल्ली सरकार परिवहन सिस्टम को मजबूत करने के लिए 2025 तक कुल 10 हजार बसें करने की योजना में है।   दिल्ली में एक ओर जहां सरकार प्रदूषण व जाम से राहत पाने के लिए सार्वजनिक वाहन के प्रयोग पर जोर देती है ताकि लोग अपने निजी वाहन के बजाए सार्वजनिक वाहन का प्रयोग करे। ऐसे में अगर सार्वजनिक वाहन की स्थिति बेहतर नहीं होगी तो लोग वैसे ही सार्वजनिक वाहन के प्रयोग से बचते नजर आएगे। हालांकि ऐसी बात नहीं की दिल्ली में पूरा सार्वजनिक परिवहन सिस्टम  खराब है मगर उसमें अभी कुछ खामी है जिसे जल्द से जल्द दूर करना जरूरी है। अगर डीटीसी के संचालन व रखरखाव को बेहतर किया जाएगा तो इससे न सिर्फ यात्रियों को सुविधा होगी बल्कि प्रदूषण व जाम से भी राहत मिलेगी।

(मोहम्मद हमज़ा, अमर भारती समूह प्रस्तुति)

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