अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या को 40 दिन पूरे हो गए इस्लाम धर्म के रीति-रिवाजों के मुताबिक 40 वें दिन परिवार का कोई भी सदस्य मृतक की कब्र पर फूल चढ़ाने आता है और फातिहा पढ़ते हैं लेकिन जिस कब्रिस्तान कसारी मसारी में अतीक अहमद और अशरफ को दफनाया गया है। वहा 40 वें दिन भी सन्नाटा पसरा हुआ है। कोई परिजन अतीक अशरफ की कब्र पर फूल चढ़ाने नहीं आया है। इस्लाम धर्म में किसी व्यक्ति की मौत के बाद 29 दिन से लेकर 42 दिन तक के बीच 40 वा मनाया जाता है। मरहूम यानी मृतक के घर पर धार्मिक पाठ का आयोजन भी किया जाता है साथ ही गरीबों खाना खिलाया जाता है साथ ही दान भी दिया जाता अतीक और अशरफ के परिवार के ज्यादातर सदस्य या तो केवल जेल में है। या फिर गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार चल रहे है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आज 40 वे दिन अतिक और अशरफ की कबर पर कोई आएगा या नहीं शाइस्ता परवीन और अशरफ की पत्नी फातिमा भी कब्र पर फूल चढ़ाने आ सकती है। क्योंकि दोनों महिला जनाजे में शामिल नहीं हो सकी थी. यह भी चर्चा की 24 घंटे के अंदर पुलिस के सामने सरेंडर कर सकती है क्योंकि 3 महीने से फरार शाइस्ता परवीन थक चुकी है शाइस्ता परवीन पर प्रयागराज पुलिस ने 50 हजार ईनाम घोषित किया है शासन स्तर से यह ईनाम की राशि बढ़ाकर एक लाख कर दी गई है

