
नई दिल्ली. दांतों की डॉक्टर डॉ डिंपल अरोरा चावला सात महीने की गर्भवती थीं, जब अप्रैल में वे कोरोना वायरस पॉजिटिव मिलीं.
दो हफ्ते बाद 34 वर्षीय डॉ डिंपल ने अपने अजन्मे बच्चे को खो दिया. इसके अगले दिन वे भी वायरस से लड़ाई हार गईं और अपने तीन साल के बेटे और अपने पति को पीछे छोड़कर चल बसीं.
अपनी मौत के कुछ दिन पहले दिल्ली की इस महिला ने अपने परिवार और दोस्तों को एक वीडियो संदेश दिया था. उन्होंने इसमें घातक वायरस को हल्के में नहीं लेने का आग्रह किया था.
डॉ डिंपल अरोरा चावला ने 17 अप्रैल को रिकॉर्ड किए गए दो मिनट 20 सेकंड के वीडियो में कहा- “मैं इस वीडियो को बड़ी मुश्किल से बना रही हूं. मैं वास्तव में उन सभी को बताना चाहती हूं जो मुझे जानते हैं, कृपया कोरोना को इतने हल्के ढंग से न लें. बहुत बुरे, बहुत बुरे लक्षण. मैं बोलने में सक्षम नहीं हूं, लेकिन मैं वास्तव में चाहती हूं कि मेरे संदेश को सभी तक पहुंचाएं.”
डॉ डिंपल अरोरा चावला कहती हैं कि “कृपया मास्क पहनें. जब भी आप बाहर जाते हैं, जब भी आप लोगों से घर में या बाहर बातचीत करते हैं, अपने निकट के लोगों और प्रियजनों की सुरक्षा के लिए.”
इस वीडियो को उनके पति ने सोशल मीडिया पर साझा किया, जिस पर हजारों लोगों ने संवेदना के संदेश पोस्ट किए हैं.
रवीश चावला ने कहा कि वे अपनी पत्नी की आखिरी इच्छाओं का सम्मान कर रहे हैं, जो कि जागरूकता फैलाना की थी, ताकि कोई भी महामारी को हल्के में न ले.
दुखी पति ने भावुक होते हुए कहा “यह उनके स्वभाव में सहज ही था कि वे लोगों को इस बारे में सूचित करें कि वे क्या सावधानी बरत सकते हैं.
इसलिए उन्होंने वास्तव में हमारे परिवार और दोस्तों के लिए इसे बनाया था. लेकिन उनके असामयिक निधन के बाद मुझे यह संदेश दुनिया के सामने लाना पड़ा ताकि दुनिया को पता चल सके कि आप कोविड को इतने हल्के में न लें.”
उन्होंने कहा कि “यह उसका संदेश था कि आपको न केवल अपने लिए बल्कि बुजुर्गों या गर्भवती महिलाओं के लिए भी मास्क पहनना चाहिए।
यह मेरी पत्नी का संदेश था. मैं बस चाहता हूं कि लोग इसके बारे में जानें.”
कोविड के साथ अपनी पत्नी की लड़ाई के बारे में चावला ने कहा कि कोविड पॉजिटिव पाए जाने के 10 दिन बाद 21 अप्रैल को उनका ऑक्सीजन का स्तर कम होना शुरू हो गया था.
उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें रेमडिसिविर दिया गया और दो बार प्लाज्मा थेरेपी दी गई.
डॉ डिंपल अरोरा चावला को उनके परिवार और दोस्त दीपिका भी बुलाते थे. उन्हें 25 अप्रैल को प्रसव पीड़ा में हुई. अल्ट्रासाउंड में पता चला कि बच्चे का दिल नहीं धड़क रहा है. उनके पति ने बताया कि “उसके गर्भ में बच्चे की मृत्यु हो गई थी.
शुरू में मैंने उसे नहीं बताया, लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि हमें उसका सीजेरियन करवाने और गर्भपात कराने की आवश्यकता होगी ताकि उसे नुकसान न पहुंचे.” उन्होंने कहा कि “वह बहुत बहादुर और मजबूत थी.” हालांकि, अगली सुबह उसकी मौत हो गई.
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं अब तक भारत में किसी भी COVID-19 वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल का हिस्सा नहीं रही हैं. और सरकार ने सलाह दी है कि इन दोनों समूहों की महिलाओं को वैक्सीन नहीं दी जानी चाहिए.