- दोषी पुलिसकर्मियों पर निलंबन के बाद एफआईआर दर्ज करने के दिए आदेश
- फर्जी मुठभेड़ मामले में 4 सिपाही निलंबित इसमें 2 सिपाही स्वाट टीम के भी शामिल हैं
आगरा। बीती २ फरवरी देर रात को जनपद एटा में पुलिस द्वारा दर्ज फर्जी मुठभेड़ के मामले को अब एडीजी जोन आगरा ने संज्ञान में लेते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। आपको बतादें कि एटा से 5 किलोमीटर दूर आगरा रोड पर खुशालगढ़ गांव के समीप विकलांग प्रवीण कुमार का ढाबा है, जहां पर खाना खाने गए कोतवाली देहात में तैनात सिपाही शैलेन्द्र यादव और सन्तोष यादव ने खाने के रुपए मांगने पर ढाबा मालिक के भाई की जमकर पिटाई कर दी और ढाबा मालिक को फर्जी मुठभेड़ में फंसा दिया गया।
जानिए क्या था पूरा मामला
प्रवीण कुमार नाम के एक विकलांग व्यक्ति के द्वारा एटा जिलाधिकारी विभा चहल को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया था। जिसमें उसने बताया कि उसका ढाबा एटा से 5 किलोमीटर दूर आगरा रोड पर खुशालगढ़ गांव के समीप बना हुआ है। जहां बीते दिनों कोतवाली देहात में तैनात सिपाही शैलेन्द्र यादव और सन्तोष यादव ने होटल पर खाना खाया और जब उसके भाई ने रुपए मांगे तो दोनों सिपाहियों ने उसके भाई की जमकर पिटाई कर दी। इस दौरान दोनों सिपाहियों ने गाली-गलौज भी की। पीडि़त प्रवीण कुमार ने आरोप लगाते हुए बताया कि दोनों सिपाहियों ने शराब के नशे में कहा कि ‘तेरा ढाबा नहीं चलने देंगे।’
पीडि़त ने बताया कि अगले दिन 4 फरवरी को दोपहर 2 बजे थानाध्यक्ष इंद्रेश पाल सिंह ने स्वाट टीम सहित भारी फोर्स के साथ ढाबे पर दबिश दी। इस दौरान पुलिस होटल के कर्मियों सहित होटल पर खाना खा रहे दो बिहार के व्यक्ति और कुछ अन्य ग्राहकों सहित लगभग 11 लोगों को उठाकर थाने ले आई। इसमें से एक व्यक्ति को 1 लाख की रिश्वत लेकर छोड़ दिया गया। जिसके बाद फर्जी मुठभेड़ दिखाकर बंटू नाम के शराब माफिया से अवैध शराब मंगाकर सभी निर्दोषों को पुलिस ने शराब एवं अन्य मादक पदार्थ की तस्करी दिखाते हुए 6 तमंचे और गांजे की फर्जी बरामदगी दिखाते हुए जेल भेज दिया।