
पर्यावरण सचेतक नैपाल सिंह जी पाल मुरादाबाद से मंथन शिविर में प्रतिनिधित्व करेंगे।
बक्सवाहा जंगल बचाओ अभियान के अंतर्गत बक्सवाहा जंगल बचाओ मंथन शिविर का आयोजन बक्सवाहा जंगल के पास ही नैनागिर छतरपुर मध्यप्रदेश में 25 , 26 सितम्बर 2021 को आयोजित किया जा रहा है जिसमें देश के अलग अलग प्रदेशों से लगभग 125 पर्यावरण मित्रो , प्रेमियों , रक्षकों और संरक्षको का आना होगा। उसी बक्सवाहा जंगल बचाओ मंथन शिविर में प्रतिभाग करने और बक्सवाहा जंगल बचाने हेतु अपनी बात रखने के लिए उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले से पर्यावरण सचेतक नैपालसिंह पाल रामगंगा मित्र संस्थापक महासचिव प्रकृति सेवा समिति , मुरादाबाद बक्सवाहा जंगल बचाओ मंथन शिविरबताते चलें कि मध्यप्रदेश के छतरपुर के लिये ग्रे है।

सम्मेलन/ मंथन शिविर के संयोजक डा धर्मेन्द्र कुमार जी के निर्देश पर कि यहां नीम, पीपल और बरगद के पेड़ नहीं है, नैपाल सिंह मुरादाबाद की पहचान के लिए और वहां की धरती पर मुरादाबाद के वृक्ष धरा को हरा भरा बनायेंगे इस आशय से नीम पीपल और बरगद के पौधे लेकर गये है।
बक्सवाहा जंगल में हीरे की उपस्थिति बताई जा रही है जिसको लेकर सरकार बक्सवाहा जंगल में खड़े लगभग 2 लाख 35 हजार पेड़ो को काटने की तैयारी में है।
जैसे ही इस बात की भनक देश के पर्यावरण मित्रों , प्रेमियों को लगी तो बक्सवाहा जंगल को बचाने के लिए सभी एकजुट हो गए और सरकार से जंगल को न काटने की अपील की क्योंकि लाखों वृक्षो पेड़ पौधों के साथ साथ जंगल में उपस्थित जीव जंतु अर्थात वहाँ की जैव विविधता (बाओडायवर्सिटी) भी नष्ट हो जाएगी जिससे प्रकृति पर्यावरण असंतुलन पैदा हो जाएगा। हरियाली तहस नहस हो जाएगी।
अभी पिछले सप्ताह एनजीटी में हुई सुनवाई में एनजीटी ने बक्सवाहा जंगल को 2 माह की आक्सीजन ओर प्रदान की गई है।
सभी प्रकृति पर्यावरण मित्र प्रेमी कहते हैं कि हमे हीरा नही हरा अर्थात हरियाली चाहिए।