
सोनभद्र में अद्वितीय आभा से मण्डित शिवद्वार धाम में श्रावण मास के आरम्भ शुरू श्रीअभिषेकात्मक रुद्रमहायज्ञ का आज द्वितीय दिवस रहा जहाँ विधिविधान से यज्ञ के बाद वृन्दावन से पधारी साक्षीकिशोरी जी ने सुसज्जित मंच के विशाल मण्डप से श्रीरामकथा का शुभारंभ किया। मन्च पर आरती मन्त्रोच्चार के किशोरी जी व संगीत दल वादन समूह का स्वागत करने से शुरू हुई राम कथा।

साक्षी किशोरी जी ने” बड़े भाग मानुष तन पावा” की सारगर्भित व विशद व्याख्याकरने के साथ ही मानव जन्म के पूर्व की पीड़ाओं और ईश्वर से उनकी अभ्यर्थना करने की याचना तथा वर्तमान में जीवन यापन की संस्थिति परिस्थितियों पर प्रकाश डाल कर यथार्थ का अवलोकन कराया अपने वक्तव्य में। “कलियुग केवल नाम अधारा” के मानस की पंक्तियों के वस्तुतः सत्य दृष्टांत प्रस्तुत कर सुधी श्रोताओं के मर्म को चिंतन शक्ति के साथ विह्वलित करदिया वृन्दावन से पधारी किशोरी जी ने इसके अतिरिक्त रामकथा के अनेक तथ्य- कथ्य वर्णित कर मन मोहा उपस्थित जनसमुदाय का। स्वागत संभाषण किया डॉ.परमेश्वर दयाल पुष्कर ने तो मन्दिर के प्रधान पुजारी सुरेश गिरी, विजय मिश्र, जमुनाप्रसाद मिश्र, गुलाब सिंह, उदित नारायण पाठक व भक्तजनों ने माल्यार्पण सँग स्वागत किया किशोरी जी का। कार्यक्रम का आरम्भ व सोमवार का समापन आरती करने के पश्चात सम्पन्न हुआ।रुद्र महायज्ञ व श्रीरामकथा अमृतमय वर्षा कल अगले सोपान पर प्रारम्भ होगी मंगलवार को । 2 अगस्त को समष्टिभोज-भण्डारा आहूत है।