दूसरे चरण का मतदान जारी, नजरें नंदीग्राम पर
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव और असम विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल के दूसरे चरण का मतदान दिलचस्प माना जा रहा है। इस चरण में सबकी नजरें हाई प्रोफाइल नंदीग्राम सीट पर टिकी है, जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने पूर्व सहयोगी एवं भाजपा प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ मैदान में हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत 30 सीटों पर मतदान किया जा रहा है जिसमें 75 लाख मतदाता 191 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। वहीं, असम विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 39 सीटों पर मतदान शुरू हो गया है। इस चरण में हो रहे मतदान में पांच मंत्रियों, (विधानसभा) उपाध्यक्ष और कुछ अहम विपक्षी नेताओं के राजनीतिक तकदीर का फैसला होगा। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव और असम विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ।
बंगाल में दूसरे चरण में 30 सीटों पर मतदान
निर्वाचन आयोग ने सभी 10,620 मतदान केंद्रों को संवेदनशील घोषित किया है और केंद्रीय बलों की करीब 651 कंपनियों को तैनात किया गया है। मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 199 कंपनियां पूर्व मेदिनीपुर में, 210 कंपनियां पश्चिम मेदिनीपुर में, 170 कंपनियां दक्षिण 24 परगना में और 72 कंपनियां बांकुड़ा में तैनात की गई है। तृणमूल कांग्रेस और भाजपा इस चरण की सभी 30 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं, जबकि माकपा ने 15 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारें हैं। वहीं संजुक्त (संयुक्त) मोर्चा में शामिल कांग्रेस ने 13 सीटों पर और आईएसएफ ने दो सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं। यह मतदान सख्त कोविड-19 दिशा-निर्देशों के बीच होगा। पश्चिम मेदिनीपुर की नौ सीटों, बांकुड़ा की आठ, दक्षिण 24 परगना की चार और पूर्व मेदिनीपुर की नौ सीटों पर बृहस्पतिवार को सुबह सात बजे से वोट डाले जाएंगे। पूर्व मेदिनीपुर शुभेंदु अधिकारी का गृह जिला है और इसी जिले में नंदीग्राम सीट आती है जहां उनका मुकाबला तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी से है। नंदीग्राम ने 2007 में भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन के जरिए शक्तिशाली वाम सरकार की जड़ें हिला दी थीं। नंदीग्राम सीट पर अधिकारी की लड़ाई उनकी राजनीतिक प्रासंगिकता के लिए महत्वपूर्ण है। अधिकारी की इस सीट से जीत उन्हें बंगाल के बड़े नेताओं की जमात में शामिल करा देगी और भाजपा को बहुमत मिलने की सूरत में वह मुख्यमंत्री पद के अन्य दावेदारों से आगे निकल सकते हैं। बनर्जी के लिए इस सीट से जीतना सरकार की अगुवाई करने और पार्टी को एकजुट रखने के लिए महत्वपूर्ण है। दूसरी ओर, वाम-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन ने नंदीग्राम सीट से माकपा की मीनाक्षी मुखर्जी को टिकट दिया है। इस सीट पर अपनी पार्टी की खोई जमीन को वापस हासिल करना उनके लिए चुनौती है। बनर्जी पिछले चार दिनों से नंदीग्राम में डेरा डाली हुई हैं।