
पुरुषों का एकतरफा अधिकार है तलाक- ए- हसन ?
भारत सरकार ने भले ही मुस्लिम समाज में बरसो से चली आ रही पारंपरिक प्रथा तलाक- ए- बिद्दत पर कानूनन रोक लगा दी हो लेकिन इसके बावजूद भी तलाक के मामले थमने का नाम नहीं ले रहें हैं। तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब तलाक-ए- हसन का मुद्दा सामने आया है। दरअसल, गाजियाबाद की रहने वाली बेनजीर हिना ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने यह मांग की है कि तलाक- ए – हसन और तलाक- ए – अहसन को भी तलाक- ए – बिद्दत यानी तीन तलाक की तरह ही असंवैधानिक घोषित कर दिया जाए।
कल सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई..गौरतलब है कि आज हिना की ओर से पेश वकील और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि हिना के पति ने तलाक का दूसरा नोटिस भेज दिया है। तीसरा नोटिस 19 जून को आने के बाद तलाक हो जाएगा। उसके बाद शादी बहाल करने के लिए हलाला ही एक वि...