
केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार में टकराव के बीच राज्य के मुख्य सचिव अलप्पन बंदोपाध्याय 31 मई को सेवानिवृत्त हो गए.
हालांकि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रतिष्ठा की इस लड़ाई के बीच बंदोपाध्याय को अपना निजी सलाहकार नियुक्त कर दिया है.
गौरतलब है कि तूफान यास को लेकर दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी.
लेकिन सूत्रों का कहना है कि ममता बनर्जी और मुख्य सचिव बंदोपाध्याय ने उन्हें 30 मिनट तक इंतजार कराया.
ममता बनर्जी चक्रवात संबंधी दस्तावेज पेश करने के बाद दूसरे कार्यक्रम का हवाला देकर वहां से चली भी गईं.
इसके अगले ही दिन कार्मिक मंत्रालय ने चिट्ठी लिखकर बंदोपाध्याय को कार्यमुक्त करके वापस केंद्र सरकार की सेवा में भेजने का निर्देश जारी किया था.
लेकिन ममता बनर्जी की सरकार ने उन्हें कार्यमुक्त करने से मना कर दिया था. केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले ही बंदोपाध्याय को तीन महीने का सेवा विस्तार दिया था.