Wednesday, May 31News

Facebook, Twitter समेत कई पर हो सकता है आपराधिक मुकदमा दर्ज

  • Facebook, Twitter, Netflix, Amazon समेत सभी के लिए बनी हैं नई गाइडलाइन्स
  • आज खत्म हो रही है तय की गई समयसीमा
  • पालन न करने पर कंपनियों के ऊपर लग सकते हैं मुकदमें

Facebook, Twitter और YouTube को भारत में आपराधिक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि इन कंपनियों ने अभी तक नए इंटरमीडिएट्री नियमों के मानदंडों का पालन नहीं किया है।

सरकार द्वारा नए नियम फरवरी में पारित किए गए थे, हालांकि 50 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड यूज़र्स वाले “महत्वपूर्ण सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज” के लिए विशेष प्रावधान बुधवार, 26 मई को लागू होने हैं।

ये प्रावधान प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को शिकायत निवारण के लिए कम से कम तीन अधिकारियों की नियुक्ति करने को कहते हैं और साथ ही एक विशिष्ट आचार संहिता का पालन करने के लिए भी मजबूर करते हैं, जिसकी फ्री स्पीच के सिद्धांतों का उल्लंघन करने के लिए आलोचना भी की गई है।

मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम समेत कई बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने अभी तक नए इंटरमीडियरी रूल्स का पालन नहीं किया है।

Facebook के एक प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी फिलहाल कुछ मुद्दों पर सरकार के साथ बातचीत कर रही है।

हालांकि ट्विटर ने इस मामले पर कमेंट करने से इनकार कर दिया और Google का भी कोई रिप्लाई नहीं आया है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने संयुक्त रूप से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए 25 फरवरी को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) नियम 2021 पेश किए।

विशेष प्रावधानों का पालन करने के लिए नियमों में महत्वपूर्ण सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज के लिए तीन महीने की समयसीमा तय की गई थी। इन इंटरमीडियरीज में Facebook, Instagram, Twitter, WhatsApp और YouTube शामिल हैं। यह समयसीमा आज यानी मंगलवार को बंद हो रही है।

इन विशेष प्रावधानों को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के अंतर्गत रखा गया है। इसके अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को चीफ कंप्लायंस ऑफिसर, नोडल कॉन्टेक्ट परसन और रेसिडेंस ग्रीवांस ऑफिसर नियुक्त करने होंगे।

ये तीनों मिलकर शिकायतों का निवारण करेंगे। इनमें से CCO को IT Act, 2000 और इंटरमीडिएट्री नियमों के तहत काम करना होगा।

नोडल ऑफिसर को कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर काम करना होगा और ग्रीवांस ऑफिसर को 24 घंटे के भीरत शिकायत को नोट करना होगा और 15 दिनों के भीरत उनका जवाब देना होगा।

इन तीनों ऑफिसर्स का भारतीय मूल का होना अनिवार्य है।

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