
सोनभद्र। सोनभद्र जिले की विधानसभा घोरावल (क्रमांक-400) के साढ़ेचार साल के कार्याल में इलाके की उप्लब्धयों के सवाल पर यहाँ के विधायक डॉ. अनिल कुमार मौर्य ने इस पंचवर्षीय कार्यकाल के ख़ास कामों को बताया और कहा
कि अभी हालिया दिनों में विधानसभा घोरावल के रौप ग्राम में राजकीय मेडिकल कालेज के का निर्माण 249 करोड़ की लागत से प्रारंभ हो चुका है पूरी गतिशीलता से तो 26 करोड़ की लागत से लोढ़ी में 100 बेड का हॉस्पिटल व चिकित्सा सामग्री सुगमता से उपलब्ध है। इसी क्रम में आगे कहा कि 20 करोड़ की लागत से शाहगंज, कर्मा व मधुपुर में तीन सामुदायिक केन्दों को निर्मित कराया जा चुका है। अब किसी मरीज को गाँव-गिरांव से चारपाई पर लाद कर अस्पताल ले जाने का जमाना गुजर चुका है और सड़कों का चंहुओर सड़कों का तांता लगा है साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों , मातृशिशु कल्याण परियोजनानाओ का ग्रामों तक विस्तृत प्रसार हो चुका है।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के इस विधानसभा में आने और उस समय घोषित योजनाओं-परियोजनाओं के विकास व निर्माण के सवाल पर विधायक डॉ. अनिल कुमार मौर्य ने कहा कि घोरावल विधानसभा का यह सुखद संयोग है कि माननीय उपमुख्यमंत्री की यहाँ के लिए घोषित परियोजना-योजना का शिलान्यास उन्होंने किया पर सबका उद्घाटन-लोकार्पण हमें करने का सुअवसर प्राप्त हुआ अर्थात अबतक उपमुख्यमंत्री के यहाँ के बाबत समस्त योजना-परियोजना सम्पूर्णता को प्राप्त कर चुकी हैं। कहा कि इससे इतर हैंडपंप विहीन परिषदीय विद्यालयों में हैंडपंपों की स्थापना व 15 हैंडपंपों में सबमर्सिबल व दो नगर आर.ओ. भी डी.एम एफ. से सुव्यवस्थित हो चुकी है साथ ही आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य, मुख्यमंत्री राहत कोष से बीते तीन वर्षों में सवासौ लाख से सैकड़ों पीड़ितों के इलाज के भी बन्दोबस्त किये गए। विधायक के मुताबिक विधायक निधि से स्कूलों के शिक्षण कक्ष, स्कूल कायाकल्प,स्मार्ट क्लास,गणित लैब, कस्तूरबा गांधी विद्यालय में छात्रावास निर्माण समेत विधायक सभा मे विविधताओं से संपूरित कार्यो का विस्तृत खाका वर्णित किया प्रश्नोत्तर में।
2002 में राजगढ़ से विधायक रहने और अब उसी को विखण्डित कर 2012 में नवसृजित घोरावल विधानसभा के बीस वर्षों के प्रश्न प्रस्फुटित होने पर इस मध्य अनेकानेक उतार चढ़ाव बयां किये विधायक ने और आरोह-अवरोह की गतिविधियों में गतिशीलता और बीच के दौर की मन्थरगति पर इन साढेचार वर्षों के कार्य को शिखर पर प्रकीर्णित होना बताया।