
एटा. बाल विकास पुष्टाहार परियोजना का स्थानीय कार्यालय भगवान भरोसे से चल रहा है। परियोजना अधिकारी के न आने से विभागीय कार्य प्रभावित होने के साथ जनता की समस्याओं का समाधान भी नहीं हो पा रहा है।
कार्यालय में बैठा चपरासी आने जाने वालों की जानकारी लेकर साहब के न आने की वजह भी नहीं बता पाता है।
कार्यालय के बाहर सड़क किनारे एक दुकानदार ने बताया सीडीपीओ कार्यालय के खुलने और बंद होने का कोई समय निर्धारित नहीं है।

जब मन करता है, तो कर्मचारी आते हैं। जब मन चले जाते हैं। पोषाहार वितरण और मीटिंग के दिन छोड़कर पूरे महीने यही हाल रहता है।
बाल विकास परियोजना अधिकारी राजीव कुमार के कार्यालय न आने से जहां एक ओर कर्मचारी मनमर्जी कर रहे हैं।
वहीं विभागीय कार्य प्रभावित होने के साथ आम जनता की समस्याओं का भी समाधान नहीं हो पा रहा है। इतना ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र में बाल विकास विभाग की योजनाएं भी प्रभावित हो रहीं हैं।
गर्भवती महिलाएं व कुपोषित बच्चों के लिए शासन स्तर से आने वाला पोषाहार वितरण की नियमित मॉनिटरिंग भी नहीं हो पा रही है।