नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते कोरोना संक्रमण और लोगों की मौत को देखते हुए पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को ‘Fabiflu’ देने की घोषणा के बाद बवाल मच गया है. इस बीच कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी ने भाजपा सांसद की आलोचना करते हुए कहा कि यह दवाएं संकट से जूझ रहे अस्पतालों को मिलनी चाहिए, लेकिन वह इसे लोगों को दे रहे हैं.
कांग्रेस और आप ने पूछा- ‘क्या यह आपराधिक नहीं है?
इस बीच आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती ने गौतम गंभीर की घोषणा पर उनको ‘अपराधी’ कहते हुए ट्वीट किया, ‘क्या यह आपराधिक नहीं है? एक सांसद अपनी इच्छा के अनुसार दवाइयां जमा करता है और जिसे चाहता है उसे देता है. उसे अस्पताल में क्यों नहीं देना चाहिए?’
इसके अलावा एक अन्या आप नेता राजेश शर्मा ने गंभीर पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि रेमडिसिविर, फैबिफ्लू और अन्य महत्वपूर्ण दवाएं बाजार से बाहर हैं. बीजेपी नेता इन दवाओं की जमाखोरी कर रहे हैं. ऐसे नेताओं पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए. यही नहीं, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पूछा है कि क्या दवा वितरित करना कानूनी है.
गंभीर ने किया था ये ऐलान
भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने कहा था कि पूर्वी दिल्ली के लोग मेरे कार्यालय 2, जाग्रति एनक्लेव से ‘Fabiflu’ ले सकते हैं. इसके लिए सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक ऑफिस में आना होगा. उन्होंने कहा कि इंजेक्शन लेने के लिए लोगों को डॉक्टर का पर्चा और अपना आधार कार्ड लेकर आना होगा. वहीं, गंभीर ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार के पास कोई विजन नहीं है. काम करने के लिए कोई दिशा नहीं है. दिल्ली के लोग मर रहे हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
बता दें कि दिल्लीप में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़ने से आईसीयू बेड्स के साथ ऑक्सी जन के संकट ने दिल्लीै सरकार की टेंशन बढ़ा दा है. हर रोज कई अस्पदतालों में ऑक्सीेजन खत्मि होने की खबरें सामने आ रही हैं. अगर आज की बात करें तो राजीव गांधी अस्पैताल में ऑक्सींजन का संकट बरकरार है, जहां 900 कोरोना मरीज भर्ती हैं.