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संसद पर किसानों का विरोध प्रदर्शन

जंतर- मंतर पर किसानो कि संसद

नई दिल्ली। महीने से चल रहे किसान आंदोलन का अब तक कोई हल नहीं निकला है। किसान घर जाने को तैयार नहीं हैं और सरकार कानून वापस लेने को तैयार नहीं है। कृषि कानून के विरोध में जारी किसानों के आंदोलन का आज नया पड़ाव शुरू हो रहा है।एक तरफ संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है, दूसरी तरफ आज सदन के बाहर जंतर-मंतर पर किसानों की ‘संसद’ चलेगी। दिल्ली पुलिस ने किसान संगठनों को कोरोनो प्रोटोकॉल के साथ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की अनुमति दे दी है. यह विरोध प्रदर्शन 9 अगस्त तक चलेगा।

आंदोलन के चलते बढ़ाई गई सुरक्षा

किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली के टिकरी, सिंघु, गाजीपुर बॉर्डर और जंतर-मंतर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। किसानों को दिल्ली पुलिस ने इस शर्त के साथ विरोध करने की अनुमति दी गई है कि उनकी संख्या 200 से अधिक नहीं होगी. 22 जुलाई से 9 अगस्त तक सुबह 11:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के प्रदर्शनकारी किसानों को प्रदर्शन की अनुमति दी गई है। संयुक्त किसान मोर्चे में देशभर के करीब 40 किसान संगठन शामिल हैं। ऐसे में एक समूह के रूप में इजाजत देने के बजाय अलग-अलग संगठनों के स्तर पर यह इजाजत दी गई है। हर संगठन से 5-5 सदस्यों को जंतर-मंतर पर जाने की इजाजत मिली है। किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि हम बाहर अपना मुद्दा उठा रहे हैं, विपक्ष को सदन में हमारी आवाज़ बनना चाहिए। किसानों के प्रदर्शन के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम किसानों के साथ बात चीत करने को तैयार है, हम पहले भी बात करते रहे हैं उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार किसान हितेषी है।
अब देखना यह होगा कि किसानों के इस विरोध से क्या सरकार उनकी बात मान जाएगी या किसानो का यह आंदोलन और लंबा चलेगा।

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