रामनवमी पर्व व चैत्र नवरात्रि का बुधवार नौंवा आखिरी दिन रहा। जिसमें हिन्दू सनातन धर्म संस्कृति के अनुसार लोगों ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जी के जन्मोत्सव पर एक दूसरे को बधाई दी और घरों में हवन पूजा-पाठ कर नवरात्रि की नवमी तिथि को मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना के साथ-साथ माँ भगवती देवी के चैत्र नवरात्रे का अंतिम दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया।
इस दिन सभी क्षेत्रवासियों ने कन्याओं का पूजन किया और उन्हें मिष्ठान भोजन करवाया। नवरात्रि के नौवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा होती है। माना जाता है कि मां सिद्धिदात्री भक्तों की मनोकामनाएंँ पूरी करती हैं। वरदान स्वरूप उन्हें दीर्घायु-विद्या, यश, बल और धन प्रदान करती हैं। वेद-पुराणों व शास्त्रों में मांँ भगवती देवी सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मां सिद्धिदात्री अष्ट सिद्धि नव निधि की देवी हैं।
कन्याओं में दिखा उत्साह
बुधवार सुबह से ही कन्याओं में रामनवमी को लेकर खुशहाली छाई रही। कन्याओं ने श्रद्धालुओं के घर जाकर भोजन किया और उन्हें आशिर्वाद दिया। माँ भगवती देवी के नवरात्रों का बुधवार अंतिम दिन रहा इस शुभ अवसर पर मन्दिर के पुजारी व श्रद्धालुओं ने अपने घरों में विशेष पर्व रामनवमी को लेकर श्रीरामचरित मानस के बालकांड और दुर्गा सप्तशती व महिषासुर मर्दिनी का पाठ किया।
इस विशेष शुभ अवसर पर घरों में सुबह से ही कन्या पूजन के साथ-साथ श्रद्धालुओं ने भगवती देवी सिद्धिदायिनी की पूजा अर्चना कर आशिर्वाद मांगा। इस शुभ दिवस पर माँ भगवती व मर्यादा पुरुषोत्तम राम जी से देश में कोरोना संक्रमण की बढ़ती दूसरी लहर के संकट की घड़ी को टालने की प्रार्थना भी की।