एआईआर के वरिष्ठ आरजे मनीष आजाद के साथ हुआ बड़ा हादसा
न्यूज़पोर्ट/कपिल शर्मा
नई दिल्ली। मयूर विहार वसुंधरा एन्केलव से बांए हाथ की तरफ त्रिलोक पुरी की ओर जाते हुए 15 ब्लाॅक अग्रवाल चौक की कुछ ही दूरी पर 16 बलाॅक स्थित रेड लाइट के करीब मंगलवार सुबह करीब सवा आठ बजे एआईआर में वरिष्ठ आरजे मनीष आजाद अपनी बाइक से स्कूल में बच्चों को ड्रोप करके वापसी घर की ओर लौटते समय उनके साथ एक बड़ा हादसा हुआ। जिसमें बाइक पर सवार हेलमेट पहने दो बदमाशों ने उनके गले पर हमला किया और उनके गले से सवा तौले की स्वर्ण निर्मित (सोने) की चैन खींचकर फरार हो गए।
आरजे मनीष आजाद ने न्यूजपोर्ट.कॉम को घटना ए वारदात की संपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि, मंगलवार सुबह उनके साथ बदमाशों द्वारा चैन खिंची गई है। इससे पहले भी कई वारदात मयूर विहार एरिया में हो चुकी हैं। त्रिलोक पुरी मार्ग पर 18,17,16,15 कई बलाॅक बीच में आते हैं। 16 बलाॅक मार्ग पर उनके साथ यह हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि सवा तौले वजन से तैयार सोने की चैन उनकी मम्मी ने उन्हें जन्मदिन उपलक्ष्य उनको उपहार स्वरूप दी थी जो करीब अनुमानित साढ़े बासठ हजार के करीब थी।

इस डकैती को लेकर पीड़ित आरजे मनीष आजाद काॅफी उदासीनता जाहिर करते हुए न्यूजपोर्ट से बात की और उन्होंने बताया कि, यहांँ सरेयाम आए दिन कोई न कोई चोरी डकैती का हादसा/वारदात होती रहती है। आपको बता दें कि, यहांँ के स्थानीय विधायक रोहित मेहरवाल हैं। थाना मयूर विहार फेस 1 नजदीक है जहाँ हाल ही में एसएचओ बनवारी लाल की नियुक्ति हुई है।
मंगलवार सुबह इस घटना को लेकर आरजे मनीष आजाद द्वारा मयूर विहार फेस वन थाने में तहरीर दी गई जिसको लेकर थाना प्रभारी ने संज्ञान लेते हुए पुलिसकर्मियों द्वारा घटनाक्रम का आंकलन करवाया। घटनास्थल पर कोई कैमरा नहीं लगा पाया साथ ही एक बैंड वाले के पास एक कैमरा लगा मिला जिसमें वह उस घटनास्थल का दस फीसदी हिस्सा कवर करता था। दूसरा कैमरा खराब पाया गया।
सरेयाम दिनदहाड़े चोरी-डकैती की घटनाओं से परेशान वहाँ के स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाओं अनुसार वहांँ आए दिन पार्किंग से बाइक चोरी होती हैं तो कहीं महिलाओं के आभुषणों पर हमला होता है। इस घटना से आहत नज़र आते हुए मनीष आजाद ने न्यूजपोर्ट को यह भी बताया कि, उनकी भी बिते वर्ष बाइक और मोबाइल चोरी हुए हैं। जिनकी तलाश अभी तक जारी है।

बड़ा सवाल यह है कि, भारत के माननीय् पीएम मोदी की भतीजी का मोबाइल चोरी हुआ तो सनसनी से ख़बर फैल गई और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की पुलिस उस मोबाइल की तलाश में जुट गई और दो दिन दिन में तलाश कर मोबाइल हाथ में दे दिया। दूसरी घटना उत्तर प्रदेश के मोहम्मद आज़म ख़ान की भैंस चोरी हो गई तब पूरा प्रशासन भैंस की तलाश में जुट गया। तीसरी घटना न्यायाधीश की पत्नी का पर्स करोल बाग स्थित चोरी हो गया जिसे पुलिस द्वारा खोजबीन में तीन घंटे के भीतर पर्स मिल गया।
क्या आम आदमी के सामान की चोरी की तलाश में फिर पुलिस की तलाशी अभियान में कमजोर/लापरवाही क्यों.? चोर-डकैतों के बढ़ते हौसले पर आखिर कब लगेगी लगाम.? क्या भारतीय नागरिक के साथ हुई चोरी/डकैती संगीन वारदात का कोई न्याय नहीं.? क्या सरकार सता की ही होगी सुनवाई? यह सब सवाल पुलिस को घेरते हैं। चोरी डकैती के आर्थिक नुकसान से पीड़ित लोगों की गुहार क्या एक एफआईआर तक सिमट जाएगी या कुछ न्याय होगा.! यह लोकतंत्र के लोगों की सुरक्षा के लिए अहम है। पुलिस इस पर विशेष संज्ञान ले।