Wednesday, May 31News

‘इमेज मैनेजमैंट’ से ज्यादा जरूरी है लोगों का स्वास्थ्य- तेजस्वी

पटना: बिहार में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सूबे के मुखिया नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर बिहार सरकार पर कोरोना के सही आंकड़ों को छिपाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि छवि बचाने के लिए आंकड़ों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

इस वजह से केंद्र की तरह से जिनती मदद मिलनी चाहिए उतनी मदद नहीं मिल रही है. तबाही का मंजर साफ दिख रहा है. ऐसे में सीएम नीतीश कुमार को अप्रोच बदलने की जरूरत है.

केंद्र से नहीं मिल रही है सहायता

तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, ” नीतीश जी, कोरोना का केस लोड कम दिखाने के चक्कर में आप बिहार का नुकसान कर रहे हैं.

वायरस का चेन बढ़ता जा रहा है. कम आंकड़े दिखाने की वजह से केंद्र से ऑक्सीजन, वैक्सीन, इंजेक्शन, रेमडेसिविर, ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर, वेंटिलेटर इत्यादि अन्य जरूरी सहायता भी नहीं मिल रहा है और आप कुछ बोल भी नहीं रहे.”

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ” संक्रमण गांव-गांव फैल चुका है. अब भी अपना अप्रोच बदलिए वरना तबाही का मंजर साफ दिख रहा है. केंद्र से बिहार का वाजिब हक मांगिए. हमसे छोटे राज्यों का आवंटन ज़्यादा हो रहा है.

अन्य राज्यों का अनुसरण कर देश-विदेश की कंपनियों से सम्पर्क कर मेडिकल सप्लाई, वैक्सीन इत्यादि सीधा खरीदिए.”

दोबारा मत करिए पिछले साल जैसी गलती

तेजस्वी यादव ने कहा, ” नीतीश जी, आपसे विनम्र निवेदन है कि पिछले साल जैसी गलती दोबारा मत करिए. आंकड़ों में हेराफेरी कर छवि बचाने से ज़्यादा जरूरी लोगों का स्वास्थ्य है.

आप जांच घटा रहे हैं, लेकिन पॉजिटिविटी रेट बढ़ गया है. जांच कम होने से संक्रमण की वास्तविकता नहीं मालूम होगी, उसका फैलाव बढ़ता जाएगा.”

उन्होंने कहा, ” एक साल बाद भी बिहार की कुल कोरोना जांच में एंटीजेन टेस्ट्स की संख्या 65-70% है,  जबकि आरटीपीसीआर सबसे कम मात्र 30-35% ही है. आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट आने में 14-15 लग रहे है. ब्जिन लक्षण वाले मरीज़ों की जांच ही नहीं हो रही है. ऑक्सीजन, वेंटिलेटर की छोड़िए बिहार अभी जांच के स्तर पर ही जूझ रहा है.”

छवि बचाने पर होती है चर्चा

तेजस्वी ने कहा, ” ये समझ नहीं आता कि नीतीश जी की तथाकथित हाई लेवल क्राइसिस ग्रूप की मीटिंग में कोरोना बचाव पर चर्चा होती है या छवि बचाव पर.

अभी तक एक भी ऐसा ठोस कदम या निर्णय नहीं लिया गया है जिससे कोरोना संक्रमण को कम किया जाए,  मरीज़ों का उचित इलाज हो सके, अस्पतालों का क्षमतावर्धन हो सके.”

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