
नई दिल्ली। भारत इंग्लैंड के बीच खेली जा रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का तीसरा टेस्ट आज से हेडिंग्ले में खेला जाना है। भारत की टीम सीरीज में 1-0 से आगे चल रही है और सीरीज को जीतने की फेवरेट मानी जा रही है। जहां एक तरफ सीरीज में भारतीय टीम के तेज गेंदबाज कमाली की फॉर्म में नज़र आ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इंग्लैंड के गेंदबाज लगातार चोटिल होने के कारण सीरीज से बाहर हो रहे हैं। इस सीरीज में इंग्लैंड के बेस्ट ऑराउंडर बेन स्टोक्स मानसिक तनाव और टॉप फास्ट बॉलर जोफ्रा आर्चर और क्रिस वोक्स चोट के कारण शामिल नहीं हो पाए थे। वहीं सीरीज शुरू होने के बाद अब प्रमुख बॉलर स्टुअर्ट ब्रॉड और मार्क वुड भी चोट के कारण मैच से बाहर हो गए हैं। इन्हीं परिस्थितियों पर जब भारतीय कप्तान विराट से यह सवाल किया गया कि क्या यह इंग्लैंड को हराकर सीरीज जीतने का सही समय है तो वह इस सवाल से ज्यादा खुश नज़र नहीं दिखे।

विराट ने सवाल का जवाब देते हुए कहा, “क्या यह विरोधी टीम की मजबूती पर निर्भर करता है? यहां तक कि जब टॉप खिलाड़ी खेल रहे हों तो भी हमें लगता है कि हम किसी भी टीम को हरा सकते हैं। हम विरोधी टीम के कमजोर होने का इंतजार नहीं करते। इसलिए मुझे नहीं लगता कि यह ऐसी टीम से पूछा गया सही सवाल है जो पिछले इतने सालों से इतना अच्छा क्रिकेट खेल रही है। हम विरोधी टीम के कमजोर होने पर निर्भर नहीं हैं, हम किसी भी सीरीज को इस तरह नहीं देखते।” जानकारी के लिए बता दें कि भारत ने बीते दो सालों में टेस्ट क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है। गाबा के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया से मिली जीत इस बात का सबूत हैं कि भारतीय टीम कहीं भी किसी भी टीम को हरा सकती है, यहां तक की भारतीय टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप WTC फाइनल का हिस्सा भी रही थी, लेकिन वहां भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था।
इंग्लैंड की पिच और कंडिशन हमेशा से ही फास्ट बॉलर्स के फेवर में रही हैं। सीरीज में अब तक खेले गए दोनों ही टेस्ट मैचों में भी भारत और इंग्लैंड दोनों ही टीम फास्ट बॉलर्स के साथ मैदान पर उतरी हैं। ऐसे ही तेज गेंदबाजी के अनुकूल हालात में बल्लेबाजी पर किए गए सवाल पर विराट ने कहा, “इंग्लैंड में आप कभी नहीं कह सकते कि आप क्रीज पर जम गए हो। आपको अपने अहम को दूर रखना होता है। यहां के हालात अन्य स्थानों की तरह नहीं है जहां 30 से 40 रन बनाने के बाद आप शॉट खेलने के लिए गेंद चुन सकते हो। इंग्लैंड में आपको इसी तरह बल्लेबाजी करनी होती है जैसे शुरूआती 30 रन बनाने के लिए की थी और इसके बाद इसी तरीके को जहां तक संभव को दोहराना होता है। इंग्लैंड में इसी तरह के अनुशासन और धैर्य की जरूरत होती है।”
उन्होंने आगे जवाब देते हुए कहा कि “इंग्लैंड में आपके अंदर धैर्य नहीं है तो आप कभी भी आउट हो सकते हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने अनुभवी हो या आपने कितने रन बनाए हैं. आपको अच्छे फैसले करने की जरूरत है, क्योंकि मेरे नजरिए से इंग्लैंड के हालात सबसे मुश्किल हैं।” जानकारी के लिए बता दे कि भारतीय टीम 1967 से हेडिंग्ले के मैदान पर अपराजेय रही है, लेकिन वर्तमान भारतीय टीम में किसी भी खिलाड़ी को हैडिंग्ले के मैदान पर खेलने का अनुभव नहीं है। भारतीय टीम ने हेडिंग्ले के मैदान पर अपना आखिरी टेस्ट साल 2002 में खेला था।