भारत सहित पूरे एशिया के लिए जुलाई महिने से कच्चे तेल की कीमतों में बेताहाशा बढ़ोतरी होने वाली है. जुलाई महिने से सउदी अरब के अरब लाइट क्रूड ऑयल की आधिकारिक बिक्री कीमत में 2.1 डॉलर प्रति बैरल का इज़ाफा हो जाएगा. विश्लेषको ने तेल की कीमत में इस इज़ाफे को अनुमान से ज्यादा बताया है. विश्लेषको का कहना है कि कच्चे तेल की कीमत में 1.5 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी का अनुमान लागाया गया था. कच्चे तेल की कीमत में इतने बड़े इज़ाफे का अंदाज़ा नहीं था. वो भी अरब लाइट क्रूड ऑयल की कीमत में तो बिल्कुल भी नहीं.
बढ़ती गर्मी के कारण हुआ कीमत मे इज़ाफ़ाः
इस वक्त पूरे विश्व में झुलसा देने वाली गर्मी पड़ रही है. वहीं तेल की कीमतों मे हुए इस इज़ाफे का कारण भी गर्मी को बाताया जा रहा है. दरअसल, गर्मियों में तेल की मांग बढ़ रही है जिसको देखते हुए सऊदी अरब ने कच्चे तेल की कीमतों में इज़ाफा करने का फैसला लिया है. बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्द भी तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की बजह बना हुआ है. युद्ध के कारण पश्चिमी देश रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा चुके हैं.

वहीं रूस के बदले तेल की भरपाई करने के लिए ओपेक प्लस देशों ने तेल का उत्पादन बढ़ाने का फैसला लिया है. हालांकि भारत और चीन ने रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों से खुद को अलग रखा और सस्ती कीमत पर रूस से कच्चा तेल धड़ल्ले से खरीदा. लेकिन भारत सऊदी अरब से भी बड़ी मात्रा में तेल का आयात करता है.
सऊदी अरामको ने की है कीमत में बढ़ोतरीः
बता दें कि सऊदी अमारको दुनिया में तेल की सबसे बड़ी कंपनी है. अमारको ने ही जुलाई महिने से कच्चे तेलकी कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला लिया है. यह फैसला ओपेक प्लस देशों के हर दिन 648,000 प्रति बैरल तेल के उत्पादन को बढ़ाने के समझौते के अलावा हुआ है. सऊदी अरामको ने रविवार को यूरेपियन औऱ भूमध्य देशो के लिए कच्चे तेल की कीमतों को लेकर ये फैसला किया था. हालांकि अमेरिका के लिए इस कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है.