
नई दिल्ली। जावेद अख्तर का विवादों से पुराना नाता रहा है। हाल ही में वह फिर से चर्चा में आ गए हैं। आरएसएस और तालिबान की तुलना करने को लेकर गीतकार और फिल्म लेखक जावेद अख्तर एक बार फिर से विवादो में घिर गए है। हाल ही में एक न्यूज पोर्टल को दिए इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने कहा था कि तालिबान बर्बर है, उसकी हरकतें निंदनीय हैं लेकिन आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल का समर्थन करने वाले सभी एक जैसे हैं. जावेद अख्तर के इस बयान के बाद BJP औऱ शिवसेना ने उन्हें आड़े हाथो लिया। शिवसेना ने जावेद अख्तर से अपनी टिप्पणी को लेकर माफी की मांग की है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा, ‘आज कल कुछ लोग तालिबान की किसी से भी तुलना करने लगे हैं। तालिबान समाज और मानवता के लिए बड़ा संकट है। चीन और पाकिस्तान जैसे देश उसका समर्थन कर रहे हैं, जो लोकतांत्रिक नहीं हैं। इन देशों में मानवाधिकार के लिए कोई जगह नहीं है।’ वहीं सामना में ये लेख आने के बाद सियासत भी शुरू हो गई है. बीजेपी ने शिवसेना से पूछा है कि वो कार्रवाई कब करेगी. बीजेपी विधायक राम कदम ने ट्वीट कर लिखा, ‘जलेबी की तरह गोल-गोल भाषा? शिवसेना स्वीकार कर रही है कि जावेद अख्तर का बयान गलत है. हमें शिकायत करे 24 घंटे बीत गए. उसके बावजूद भी अब तक उन्हें गिरफ्तार क्यों नही किया।