
यूपी। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से पुलिस का एक बड़ा कारनामा सामने आया है। यहां कानपुर और हरियाणा से गोरखपुर घूमने आए तीन साथियों मैं से एक साथी को पुलिस ने पीट-पीटकर मार डाला। युवक का कसूर सिर्फ इतना था की आधी रात को होटल में चेकिंग करने पहुंची पुलिस से पूछ बैठा की आधी रात को यह चेकिंग करने का क्या तरीका है। क्या हम लोग आतंकवादी है ? सिर्फ इतना पूछना उसे भारी पड़ गया। आरोप है कि रामगढ़ थाने के एसएचओ जगत नारायण सिंह और उनकी टीम ने दो युवकों को पहले पीटते हुए बाहर कर दिया। इसके बाद होटल का कमरा बंद कर तीसरे युवक को इतना पीटा कि उसकी हालत खराब हो गई..जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया जहां पर डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया।
इस केस में दो बड़े मोड़ आए हैं। पहला ये कि कानपुर प्रशासन ने मनीष का अंतिम संस्कार करा दिया है। प्रशासन का कहना है कि ये कदम परिवार की सहमति से उठाया गया है। दूसरा एक दिन पहले ही गोरखपुर के DM और SSP का एक वीडियो सामने आया है, उसमें गोरखपुर के DM और SSP, मीनाक्षी और उसके परिवार को किसी भी हाल में केस न दर्ज कराने की सलाह देते नजर आए थे। यह बीआरडी मेडिकल कॉलेज पुलिस चौकी में बना वीडियो था। इसमें मीनाक्षी 4 साल के मासूम बेटे को गोद में लेकर DM विजय किरन आनंद और SSP डॉ. विपिन ताडा से पति की मौत का इंसाफ मांग रही हैं। वीडियो की पुष्टि करते हुए मीनाक्षी ने कहा कि मंगलवार की रात 8 से रात 12 बजे तक अधिकारियों और परिवार की दो बार मीटिंग हुई। इसमें DM विजय किरन आनंद और SSP डॉ. विपिन ताडा ने किसी भी हाल में केस न दर्ज कराने की ‘सलाह’ दी।

मीनाक्षी का आरोप है कि इस मामले में जितने दोषी रामगढ़ताल थाने के पुलिस वाले हैं, उतने ही दोषी वहां के SSP डॉ. विपिन ताडा और DM विजय किरन आनंद हैं, जो एक विधवा औरत की मदद करने के बजाय, हत्यारे पुलिस वालों को बचाने में जुटे रहे। मनीष की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी यही बता रही है कि उसे बुरी तरह पीटा गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर, चेहरे और शरीर के दूसरे हिस्सों में गंभीर चोट के निशान मिले हैं। इस मामले में तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की गई है। एसएचओ जगत नारायण सिंह समेत 6 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया है। हालांकि अभी इस मामले की बारीकी से जांच की जा रही है।