
कोलकाता. बंगाल के टॉप नौकशाह अलपन बंद्योपाध्याय के ट्रांस्फर को लेकर केंद्र और बंगाल सरकार आमने सामने हो गए हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले को लेकर पीएम मोदी को पांच पेज की चिट्ठी लिखी है, जहां उन्होंने साफ तौर पर चीफ सेक्रेटरी को रिलीव करने से इनकार कर दिया है.
अपने पत्र में मुख्यमंत्री बनर्जी ने आदेश को एक तरफा करार देते हुए इस पर हैरानी जताई है. ममता बनर्जी ने लिखा कि बंगाल सरकार इस नाजुक दौर में अपने मुख्य सचिव को रिलीव नहीं करेगी. हमने अपनी आपसी समझ, लागू कानून और वैध परामर्शों के आधार पर ही उनकी सेवा विस्तार का फैसला लिया था.
आपको बता दें कि बंद्योपाध्याय को आज सुबह 10 बजे दिल्ली को रिपोर्ट करना था, लेकिन मुख्यमंत्री की चिट्ठी ने साफ कर दिया कि वह पश्चिम बंगाल में ही रहेंगे और कोविड संकट के दौरान अपनी सेवाएं जारी रखेंगे.
अपने पत्र में उन्होंने केंद्र सरकार के आदेश को पूरी तरह से असंवैधानिक, कानूनी रुप से अस्थिर करार दिया. कलाईकुंडा का जिक्र करते हुए उन्होंने पूछा कि क्या इस आदेश के पीछे कलाईकुंडा मीटिंग का कुछ लेना-देना है.
बकौल ममता, मैं पूरी ईमानदारी से उम्मीद करती हूं ऐसा कोई कारण नहीं रहा होगा लेकिन यदि ऐसा है, तो यह बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. क्योकि जनता के हित के अनुसार ही हम अपनी प्राथमिकताएं तय करते हैं.
गौरतलब है कि केंद्र ने बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुलाने का आदेश चक्रवाती तूफान पर पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बैठक को मुख्यमंत्री द्वारा महज 15 मिनट में निपटाने से पैदा विवाद के कुछ घंटों के बाद दिया.
इससे कुछ दिन पहले राज्य में कोविड-19 महामारी से निपटने में मदद के लिए बंद्योपाध्याय का कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ाने का केंद्रीय आदेश जारी किया गया था.