
5 अप्रैल भगवान आदिनाथ जन्मकल्याणक के शुभ अवसर पर हुए अनेक आयोजन किये जा रहे है। अखिल भारतीय जैन पत्र संपादक संघ एवं समन्वय वाणी के संयुक्त तत्वावधान मे Zoom पर एक वेबीनार का आयोजन हुआ जिषमे संघ के अध्यक्ष श्री शैलेंद्र जैन (एडवोकेट) ने दीप प्रज्वलन कर एवं मंगचणन हुआ।
जिषमे देश विदेश से लोग जुडे। वक्ताओं ने प्रमुख रूप से क्रमवार अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए और महामंत्री डा अखिल बंसल ने आभार प्रकट किया एवं डा ममता जैन ने संचालन किया।
इसी क्रम मे श्रमण संस्कृति महोत्सव के रूप मे पुष्पा पाण्या जी ने ऋषभ जयंती से महावीर जयंती तक बीस दिन का Zoom पर एक अंतरराष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन हुआ जिषमे प्रथम दिन 5 अप्रैल को पं रतनलाल जी एवं डॉ. संजय जी सोनवानी ने ऋषभदेव पर अपने विचार प्रस्तुत किए जिसे देश विदेश के लोग जुड़कर जान सके।
इसमे दूसरे दिन 6 का विषय अयोध्या आदि से अनंत तक था । भा दि जैन महासभा के अध्यक्ष श्री निर्मल कुमार जी सेठी ने दीप प्रज्वलन कर अपने वक्तव्य मे आयोजक पुष्पा जी का आभार प्रकट किया कहा कि ऐसे करोना काल मे ऐसी वेबीनार होती रहनी चाहिए जिससे जानकारी और जागरूगता तो बढती ही है ऐसे कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। डॉ. प्रभाकिरण जैन जी ने अपनी पुस्तक (मेरी सखी अवधपुरी अयोध्या) की कुछ पक्तियों का काव्यपाठ कर श्रोताओं को मुद्ध किया सभी ने मुक्त कंठ से आपके काव्य पाठ की सराहना की। डॉ. संगीता सिंह ने कहा कि अयोध्या श्रीराम के साथ ही पांच तीर्थंकरो की जन्मभूमी है और जैन साहित्य मे अयोध्या की महिमा वर्णन जितना है उतना अन्य धर्मो के साहित्य मे नहीं। श्री आदिनाथ स्मृति केंद्र के अध्यक्ष शैलेंद्र जैन अयोध्या से प्राप्त मूर्तियो एवं अन्य ऐतिहासिक तथ्यो से ऋषभ एवं राम की ऐतिहासिकता पर प्रकाश डाला उन्होंने बताया कि 11वी सदी मे शाहजूरण ने आदिनाथ के जन्म स्थान पर बने विशाल जिनालय को ध्वष्त कर मस्जिद का निर्माण कराया पर कुछ समय पूर्व मस्जिद के पीछे चरण स्थापित हुए जो आज भी है। रामकोट के राममंदिर को तोडने की धटना 15सदी की है मीर बाकी द्वारा। तीर्थंकरो की टोके अभी भी है कई मंदिर। 7 का विषय भरत का भारत है जिष पर डॉ. अनेकांत जैन अपने वक्तव्य मे प्रमाणो द्वारा भारतवर्ष नामकरण पर विष्तार से चर्चा करेगे। इसी तरह अन्य विषयो पर भी क्रम से विद्वदजन अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।