जल्द शुरू होगा कोविड-19 की ओरल वैक्सीन का मानव परीक्षण
गुरुग्राम और इजराइल की कंपनियों ने संयुक्त रूप से किया कोविड-19 के लिए ओरल वैक्सीन विकसित करने का दावा
नई दिल्ली। ओरल वैक्सीन संभावित तौर पर लोगों को घर पर रहते हुए खुद से टीकाकरण की इजाजत दे सकती है। कोविड-19 की ओरल वैक्सीन भी लोगों के लिए बिल्कुल गोली निगलने की तरह होगी। ओरामेड और प्रेमास के बीच संयुक्त साझेदारी में दुनिया की पहली कोविड-19 की ओरल वैक्सीन का मानव परीक्षण शुरू होने वाला है।
गुरुग्राम और इजराइल की कंपनियों ने संयुक्त रूप से कोविड-19 के लिए ओरल वैक्सीन विकसित करने का दावा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक उसे इंजेक्शन के बजाए एक गोली की तरह निगला जा सकता है। जानवरों पर शुरुआती परीक्षण में वैक्सीन से कोरोना वायरस के खिलाफ अपेक्षित एंटीबॉडीज पैदा हुई।
हिंदू और इंडिया टुडे की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की प्रेमास बायोटेक और इजराइल की ओरामेड कंपनियों के बीच लंबे समय से नई दवा वितरण तकनीक विकसित करने पर सहयोग रहा है। हालांकि, हिंदू ने स्पष्ट किया है कि खोज को किसी वैज्ञानिक प्रकाशन में अभी तक पेश नहीं किया गया है और स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि नहीं की जा सकी है। ये जानवरों पर शुरुआती परीक्षण के नतीजे हैं जबकि मानव परीक्षण 2021 की दूसरी तिमाही में शुरू होगा। हिंदू के मुताबिक, ओरल वैक्सीन का मानव परीक्षण अभी कम से कम तीन महीने दूर है।
ओरामेड की विशेषता मौखिक दवा आपूर्ति सिस्टम बनाने में है जबकि प्रेमास के पास डी-क्रिप्ट नामक तकनीकी प्लेटफॉर्म है। प्रेमास बायोटेक के प्रबंध निदेशक और सह-संस्थापक प्रबुद्धा कुंडु ने बताया कि ओरल वैक्सीन स्पष्ट रूप से बड़े पैमाने पर डोज लगाने को आसान बनाएगी। उन्होंने कहा, ‘ये विटामिन की गोली लेने जैसा होगा और हम 100 फीसद निश्चित हैं कि तकनीक कारगर और उत्साहजनक है। एक महीने में हमारे पास वैज्ञानिक प्रकाशन होगा जिसमें नतीजे की जानकारी मिल जाएगी।’ इस बीच भारत बायोटेक की दूसरी वैक्सीन भी नेजल की शक्ल (नाक के जरिए दी जाने वाली दवाई) में विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय के साथ बनाई जा रही है। वैक्सीन की आपूर्ति का मार्ग नेजल स्पे के जरिए है और मानव परीक्षण चल रहा है।