
नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबानी शासन से जनता परेशान है। जहा एक तरफ तालिबान अपनी सरकार बनाने में लगा है वही दूसरी ओर मुल्क के अलग अलग हिस्सो में जनता ने तालिबान का विरोध करना शुरू कर दिया है।काबुल में शुरुआत में शांति रही, लेकिन अब यहां पर भी जनता तालिबान के खिलाफ आवाज़ उठा रही है.इन सबकी अगुवाई अहमद मसूद कर रहे है जो की तालिबानियों को मात दे चुके अहमद शाह के बेटे है। अहमद मसूद का कहना है कि पंजशीर इलाके में उनके साथ हजारो मुजाहिद्दीन के लड़ाके हैं जो तालिबान के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हैं।
अहमद मसूद का कहना है कि अमरीका भले ही अफगानिस्तान से चला गया हो लेकिन वो हथियार और अन्य मदद कर सकता है ताकि हम तालिबान को मात दे सके।

खुदको अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्लाह सालेह भी तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोले बैठे है। वह लगातार तालिबान के खिलाफ रणनीति बना रहे हैं और पूर्व सैनिकों, पुलिस और अन्य लोगों के साथ मिलकर तालिबान को मात देने को कोशिश में हैं। खास बात ये है कि अमरुल्ला भी इस वक्त पंजशीर में ही रुके हुए हैं. ऐसे में तालिबान को इस प्रांत से बड़ी चुनौती मिलने की संभावना है.