नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज घोषणा की है कि राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड का नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड होगा। पीएम मोदी ने कहा कि देशवासियों के आग्रह के बाद उन्होंने यह निर्णय लिया है। पीएम ने ट्विटर के जरिए यह ऐलान किया। यह अवॉर्ड देश का सबसे बड़ा खेल सम्मान है। पहली बार यह पुरस्कार 1991-92 में दिया गया था।
पीएम ने ट्विटर पर लिखा, ‘ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रयासों से हम सभी अभिभूत हैं। विशेषकर हॉकी में हमारे बेटे-बेटियों ने जो इच्छाशक्ति दिखाई है, जीत के प्रति जो ललक दिखाई है, वो वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है। जय हिंद!’

हॉकी के ‘जादूगर’ कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद का हॉकी में अविश्वसनीय योगदान रहा है. उन्होंने अपने आखिरी ओलंपिक (बर्लिन 1936) में कुल 13 गोल दागे थे। इस तरह एम्स्टर्डम, लॉस एंजेलिस और बर्लिन ओलंपिक को मिलाकर ध्यानचंद ने कुल 39 गोल किए, जो उनकी बादशाहत को बयां करती है.उनके जन्मदिन (29 अगस्त) को भारत के राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन हर साल खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न के अलावा अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार दिए जाते हैं. इस अवॉर्ड की शुरुआत 1991-92 में की गई थी.