हमारे देश में बाल विवाह को कानून में अपराध की संज्ञा दी गई है। और उस कानून का उलंघन करने वाले के लिए कड़े से कड़े दंड का प्रावधान भी किया गया है। इतनी रोकथाम होने के बावजूद भी ग्रामीण इलाकों से अक्सर बाल विवाह जैसे दंडनीय अपराध देखने को मिलते हैं। दरअसल, इस बार बाल विवाह का मामला उत्तराखंड के पिथौराहढ़ से आया है। जहां एक महिला ने अपनी 12 साल की नाबालिग बेटी की शादी 36 साल के युवक से करा दी। बता दें कि नाबालिक बच्ची तीन महिने की गर्भवती है। इस पुरी घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस हरकत में आई और आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया।
क्या है पूरा मामला…
जानकारी के मुताबिक, यह लड़की की दूसरी शादी थी। जो उसकी मां और सौतेले पिता ने पिछले साल जून में धारचूला में कराई थी।शादी के कुछ समय बाद पति की मारपीट से तंग आकर वो कुछ समय बाद ही मायके लौट आई थी। फिर परिजनों ने दिसंबर 2021 में लड़की की दूसरी शादी बच्ची से तीन गुना अधिक उम्र वाले बेरीनाग के रहने वाले 36 साल के शख्स से करा दी। तब से लड़की बेरीनाग में ही अपने पति के पास रह रही है।

इस मामले का खुलासा पारिवारिक विवाद के चलते लड़की के दूसरे पति के ताऊ ने किया। जिसके बाद वहां से यह मामला बाल विकास विभाग तक पहुंच गया।
POCSO एक्ट के तहत मामला हुआ दर्ज…
पिथौरागढ़ पुलिस ने लड़की की मां के खिलाफ मानव तस्करी और POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। गौरतलब है कि, कुछ दिनों पहले लड़की के पहले पति को बाल विवाह निरोधक कानून के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था। यह घटना पिथौरागढ़ के धारचूला इलाके की है। बच्ची के गर्भवती होने की बात सामने आने पर मामला पिथौरागढ़ महिला हेल्पलाइन को ट्रांसफर किया गया।
दोनो परिवारों ने किया गुनाह कबूल…
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पिथौरागढ़ के अधीक्षक लोकेश्वर सिंह के आदेश पर थानाध्यक्ष बेरीनाग हेम तिवारी, हाईवे पेट्रोल यूनिट के प्रभारी रविन्द्र पांगती और अन्य पुलिस कर्मियों के साथ लड़के के घर पहुंचे और दोनों परिवारों की काउंसिलिंग की। कांउसिल के बाद आरोपियों को बाल विवाह से संबंधित कानून की जानकारी भी दी गई। जिसके बाद दोनों परिवारों ने अपना गुनाह कबूल किया।