
पृथ्वी के कुछ हिस्से ऐसे भी हैं, जहां सूर्य की रोशनी नहीं पहुंच पाती है. उसी में एक है इटली का “विगल्लेना।” इस गांव में सूरज नहीं निकलता था। गांव में सूरज की रोशनी नहीं पहुंचने पर लोगों ने आर्टिफिशियल सूरज बनाया। जिसकी रोशनी 6 घंटे रहती है।
विगल्लेना गांव चारों तरफ से पहाड़ो से घिरा हुआ है। इसी वजह से गांव को सूर्य की रोशनी नहीं मिल पाती। गांव के उत्तरी भाग में 130 किमी नीचे बसा है। यहां करीब 200 लोग रहते हैं। नवंबर से फरवरी तक तो यहां सूर्य की एक किरण भी नहीं आती है।
इन हालातों को देखकर गांव के एक आर्किटेक्ट ने इंजीनियर के साथ मदद लेकर समाधान निकाला और प्रयास शुरू किया। इसमे गांव के मेयर का भी सहयोग मिला और साल 2006 में यहां आर्टिफिशियल सूर्य तैयार हो गया।
आर्टिफिशियल सूर्य बनाने के लिए आर्किटेक्ट ने 1 लाख यूरो खर्च किए। शीशे का वजन 1.1 टन है। कंप्यूटर की मदद से ऑपरेट किया जाता है। 40 वर्ग किमी के शीशे को पहाड़ की चोटी पर लगवा है। इसे सूर्य की रोशनी शीशे पर पड़ी और गांव में पहुंचने लगी। इसे गांव दिन में 6 घंटे लाइट का रिफ्लेक्शन हो जाता है।