Wednesday, May 31News

इटली के स्वास्थ्य मंत्री को भेजे धमकी भरे ई-मेल, चार हिरासत में

रोम। कोरोना वायरस के लॉकडाउन पर इटली के स्वास्थ्य मंत्री के कड़े रुख के खिलाफ उन्हें जान से मारने की धमकी वाले ई-मेल भेजने के लिए चार इतालवी नागरिकों द्वारा कथित तौर पर इस्तेमाल कम्प्यूटरों और अन्य उपकरणों को पुलिस ने जब्त कर लिया है।

कैराबीनीरी स्वास्थ्य पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि अक्टूबर से जनवरी के बीच विदेशी कम्प्यूटर सर्वरों से ई-मेल भेजे गये थे और इनमें स्वास्थ्य मंत्री रोबर्टो स्पेरांजा तथा उनके परिवार के खिलाफ हिंसक धमकियां थीं जिनमें जान से मारने की भी धमकी थी। एक बयान के अनुसार चार इतालवी नागरिकों के खिलाफ धमकी भरे संदेश भेजने के मामले में जांच की गयी। ये चारों इटली के अलग अलग शहरों से हैं और इनकी उम्र 35 से 55 साल के बीच है।

परमाणु समझौते में अमेरिका की वापसी का स्वागत करेगा ईरान

ब्रसेल्स। ईरान और वैश्विक ताकतों ने शुक्रवार को कहा कि परमाणु समझौते में अमेरिका के लौटने का वे स्वागत करने को तैयार हैं। डिजिटल तरीके से आयोजित बैठक के बाद जारी एक बयान के मुताबिक, यूरोपीय संघ, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, ब्रिटेन और ईरान वाले समूह के अध्यक्ष ने कहा है कि भागीदार परमाणु समझौता को बरकरार रखने को लेकर प्रतिबद्ध हैं और इसके पूर्ण तथा प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई। समूह ने कहा कि वे पाबंदी हटाए जाने को चिह्नित करने और परमाणु क्रियान्वयन कदमों को लेकर 2015 के समझौते पर वियना में अगले सप्ताह आगे की वार्ता करेंगे। बयान में कहा गया कि समूह के समन्वयक परमाणु समझौता के सभी भागीदारों और अमेरिका के साथ वियना में अलग से संपर्क के लिए प्रयास तेज करेंगे।

तेहरान में सरकारी टेलीविजन ने ईरान के परमाणु वार्ताकार अब्बास अरघची के हवाले से बताया कि शुक्रवार को डिजिटल बैठक में उन्होंने कहा कि परमाणु समझौते में अमेरिका के लौटने के लिए किसी वार्ता की जरूरत नहीं है और रास्ता बिल्कुल साफ है। अरघची ने कहा, ‘अमेरिका समझौते में लौट सकता है और जिस तरह वह समझौते से बाहर हुआ तथाईरान पर अवैध पाबंदियां लगायी गयीं उसे वह खत्म कर सकता है।’ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान अमेरिका 2018 में समझौते से बाहर हो गया था लेकिन जो बाइडेन जब राष्ट्रपति बने तो उन्होंने समझौते में फिर से शामिल होने की सहमति जतायी। हालांकि इसमें कई जटिलताएं आ चुकी हैं और ईरान लगातार समझौते की शर्तों का उल्लंघन कर रहा है।

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