
नई दिल्ली। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में यूक्रेन के एक विमान को अज्ञात लोगों द्वारा हाईजैक करने की खबर सामने आई है. मगर रूसी मीडिया आउटलेट इंटरफेक्स ने कहा है कि यूक्रेन ने अफगानिस्तान में किसी भी यूक्रेनी विमान के हाईजैक होने से इनकार किया है। दरअसल, यूक्रेन के डिप्टी विदेश मंत्री येवगेनी येनिन ने मंगलवार को कहा, ‘पिछले रविवार को कुछ लोगों द्वारा हमारे विमान को हाईजैक कर लिया गया. मंगलवार को ये विमान हम से गायब कर दिया गया. यूक्रेनी लोगों को एयरलिफ्ट करने के बजाय विमान में सवार कुछ लोग इसे ईरान ले गए. हमारे तीन अन्य एयरलिफ्ट प्रयास सफल नहीं हो पाए, क्योंकि हमारे लोग एयरपोर्ट तक नहीं पहुंच पाए.’

यूक्रेन के डिप्टी विदेश मंत्री के मुताबिक, हाईजैकर्स हथियारों से लैस थे. हालांकि, मंत्री ने इस बात की जानकारी नहीं दी कि विमान को क्या हुआ या क्या कीव इस विमान को वापस लाने की कोशिश करेगा. इसके अलावा, यूक्रेनी नागरिक काबुल से कैसे वापस आए और क्या कीव द्वारा यात्रियों की वापसी के लिए एक दूसरा विमान भेजा गया था. ये कुछ सवाल हैं, जिन्हें लेकर मंत्री ने कोई जानकारी नहीं दी है. येनिन ने सिर्फ इस बात को रेखांकित किया कि पूरी राजनयिक सर्विस विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा के नेतृत्व में पूरे सप्ताह काम करती रही है.रविवार को 31 यूक्रेनी नागरिकों सहित 83 लोगों के साथ एक सैन्य विमान अफगानिस्तान से कीव पहुंचा. यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने बताया कि इस विमान के जरिए 12 यूक्रेनी सैन्यकर्मियों की स्वदेश वापसी हुई है. इसके अलावा, विदेशी पत्रकार और मदद मांगने वाले कुछ लोगों को भी बाहर निकाला गया है। कार्यालय ने ये भी बताया कि लगभग 100 यूक्रेनी नागरिक ऐसे हैं, जो अभी भी अफगानिस्तान से बाहर निकाले जाने के इंतजार में बैठे हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी के ऐलान के बाद से ही तालिबान ने तेजी से कार्रवाई करते हुए मुल्क पर कब्जा जमाया है।
इस दौरान ईरान ने यूक्रेनी विमान के हाईजैक होने की बात को भी नकारा गया है। ईरान के उड्डयन नियामक ने यूक्रेन के दावे का खंडन किया है कि यूक्रेनी विमान को यहां पर हाईजैक कर लाया गया था. उड्डयन नियामक ने कहा कि यूक्रेनी विमान रात के समय मशहद में ईंधन भरने के लिए रुका और फिर यूक्रेन के लिए रवाना हो गया। अब ये विमान कीव में लैंड कर चुका है।
बता दे कि, अपने नागरिकों को बाहर निकाल रहे दुनिया के कई मुल्क 15 अगस्त को तालिबान के लड़ाकों ने काबुल पर कब्जा जमा लिया. कुछ ही घंटों के भीतर लड़ाकों का पूरी राजधानी पर नियंत्रण हो गया. वहीं, इससे पहले ही देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए. उन्होंने बाद में एक वीडियो जारी कर बताया कि उन्होंने मुल्क इसलिए छोड़ा ताकि खूनखराबे को रोका जा सके. दूसरी ओर, देश के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने संविधान का हवाला देते हुए खुद को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया है। वर्तमान समय में आलम यह है कि, पश्चिमी मुल्कों समेत कई देश अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से बाहर निकाल रहे हैं।