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कोविड प्रबंधन के संबंध में योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक कर दिए दिशा निर्देश

राजधानी लखनऊ में 1000 बेड का नया कोविड हॉस्पिटल स्थापित किया जाए। डिफेंस एक्सपो आयोजन स्थल इसके लिए बेहतर स्थान हो सकता है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही तत्काल सुनिश्चित की जाए।

कोविड टेस्ट के लिए सरकारी और निजी प्रयोगशालाएं पूरी क्षमता के साथ कार्य करें। इस कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है। कोविड टेस्टिंग के लिए शासन स्तर पर दरें भी तय की जा चुकी हैं। जिला प्रशासन क्वालिटी कंट्रोल के साथ इन व्यवस्थाओं को लागू किया जाना सुनिश्चित करें।

प्रदेश के सभी शासकीय चिकित्सालयों में ओपीडी सेवाएं स्थगित रखी जाएं। इस समय भीड़ संक्रमण को बढ़ाने वाला हो सकता है। ओपीडी सेवाओं के लिए टेलीकन्सल्टेशन को बढ़ावा दिया जाए। सरकारी चिकित्सालयों में केवल आपातकालीन सेवाएं ही संचालित हों। मुख्यमंत्री आरोग्य मेलों का आयोजन 15 मई तक के लिए स्थगित रखा जाए।

लखनऊ के केजीएमयू, बलरामपुर चिकित्सालय और कैंसर इंस्टिट्यूट को डेडीकेटेड कोविड चिकित्सालय बनाया जा रहा है। इससे कोविड मरीजों के उपचार के लिए और अच्छी सुविधा प्राप्त हो सकेगी। इसी प्रकार, एरा मेडिकल काॅलेज, टीएस मिश्रा मेडिकल काॅलेज, इंटीग्रल मेडिकल काॅलेज, मेयो मेडिकल काॅलेज तथा हिन्द मेडिकल काॅलेज को पूरी तरह डेडीकेटेड कोविड हाॅस्पिटल घोषित किया गया है। यहां शीघ्रातिशीघ्र सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। आपातकालीन सेवाओं के लिए लखनऊ में ट्रॉमा सेंटर का संचालन सुचारु रखा जाए।

उत्तर प्रदेश के पास कोविड प्रबंधन का बेहतरीन अनुभव है। हमारी नीति और नीतियों को वैश्विक स्तर पर सराहना मिली है। कोविड-19 की इस लड़ाई में हमारी जीत निश्चित है। प्रदेश के प्रत्येक नागरिक की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है। कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सभी के हित में है। मास्क, सैनिटाइजेशन और शारीरिक दूरी को हमें अपनी जीवनशैली में शामिल करना होगा।

होम आइसोलेशन में निवासरत लोगों की सुविधाओं और जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाए। ऐसे मरीजों को सभी प्रकार की आवश्यक दवाओं को समाहित करते हुए मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाए। मेडिकल किट में न्यूनतम एक सप्ताह की दवा जरूर हो। दवाओं की कहीं कोई कमी नहीं है। इस कार्य की हर दिन समीक्षा की जाए।

इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में प्रतिदिन डीएम, पुलिस कप्तान और सीएमओ नियत समय पर बैठक करें। स्थानीय स्थिति की समीक्षा कर आगे की रणनीति तय करें। अस्पताल में इलाजरत तथा होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की जरूरतों और समस्याओं का पूरा ध्यान रखें। सीएम हेल्पलाइन 1076 के माध्यम से मरीजों से लगातार संवाद बनाए रखा जाए। हर दिन की स्थिति से मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराया जाए।

प्रदेश के सभी जिलों में, ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और फॉगिंग का कार्य अभियान के रूप में संचालित किया जाए। आमजन को भी इन कार्यों की महत्ता से अवगत कराया जाए।

सभी जनपदों के कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की अनवरत आपूर्ति बनी रहे। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा मेडिकल ऑक्सीजन की सुचारु आपूर्ति के संबंध में स्थापित कंट्रोल रूम 24×7 सक्रिय रहे। ऑक्सीजन उपलब्धता की दैनिक समीक्षा करें। प्रत्येक जनपद में चिकित्सा कर्मियों, कोविड बेड, दवाओं, मेडिकल उपकरणों तथा ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता हमेशी बनी रहे।एम्बुलेंस सेवाओं का सुचारु संचालन सुनिश्चित हो। किसी प्रकार की आवश्यकता पर शासन को अवगत कराएं।

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग रेमिडीसीवीर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करे। मुख्य सचिव कार्यालय से इसकी मॉनिटरिंग की जाए। आगामी एक माह की स्थिति का आंकलन करते हुए अतिरिक्त रेमिडीसीवीर क्रय किया जाए।

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