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उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्तालीस सम्मान प्रदान
नई दिल्ली : प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था ‘पर्पल पेन’ ने आईटीओ स्थित हिन्दी भवन में अपने नवम वार्षिक उत्सव ‘जश्न-ए-अल्फ़ाज़’ का भव्य आयोजन किया। भारत के अनेक राज्यों से पधारे लोगों को विभिन्न श्रेणिओं में उन्तालीस सम्मान अर्पित किये गए। इनमें बारह साहित्य साधक सम्मान, सात साहित्य रत्न सम्मान, पांच साहित्य प्रेरणा सम्मान और छह साहित्य गौरव सम्मान थे। पर्पल पेन और कनुप्रिया पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित साझा पारम्परिक लोकगीत संग्रह ‘लोकगीतों की तरंगिणी’ का लोकार्पण हुआ तथा प्रतिभागी नौ महिला सदस्यों को ‘साहित्य तरंगिणी सम्मान’ प्रदान किया गया।
वार्षिक उत्सव की अध्यक्षता मशहूर उस्ताद शायर श्री सीमाब सुल्तानपुरी ने की। मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अशोक मैत्रेय का सानिध्य रहा। प्रसिद्द शायर श्री मासूम ग़ाज़ियाबादी (अति विशिष्ट अतिथि) एवं एशियन गोल्ड मेडलिस्ट शूटर अनु तोमर (विशिष्ट अतिथि) भी मंचासीन रहे। सरस्वती पूजन और वंदना से वार्षिक उत्सव का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम के आरम्भ में पर्पल पेन संस्था की संस्थापक-अध्यक्ष वसुधा ‘कनुप्रिया’ ने मंचासीन अतिथिगण को पुष्प गुच्छ, अंगवस्त्र और स्मृति चिह्न भेंट कर उनका स्वागत किया। वार्षिक उत्सव में पधारे अन्य साहित्यिक समूहों के पदाधिकारियों को भी अंगवस्त्र पहना कर उनका अभिनंदन किया गया। वसुधा ‘कनुप्रिया’ ने अपने स्वागत वक्तव्य में संस्था की गतिविधियों और वर्ष भर में आयोजित कार्यक्रमों का ब्यौरा दिया।
दो सत्र में आयोजित वार्षिक उत्सव ‘जश्न-ए-अल्फ़ाज़’ के प्रथम सत्र में पुस्तक लोकार्पण और सम्मान समारोह हुआ। द्वितीय सत्र में बाँसुरी वादन, लोकगीत गायन और काव्य गोष्ठी आयोजित हुयी।
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साहित्य की दीर्घकालीन सेवा के लिए पर्पल पेन नवम वार्षिक उत्सव ‘जश्न-ए-अल्फ़ाज़’ में वरिष्ठ साहित्यकरों — प्रेम बिहारी मिश्र, शारदा मदरा और मधुश्री के. (मुंबई) को पर्पल पेन ‘साहित्य गौरव सम्मान’ प्रदान किया गया।
साहित्य, मीडिया, कला, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य, समाज सेवा, खेल, आदि के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पर्पल पेन ‘साहित्य साधक सम्मान’ प्रदान किया गया। साहित्यिक सेवाओं के लिए बबली सिन्हा वान्या, पूजा श्रीवास्तव, मनोज कामदेव, डॉ. कविता सूद, राजेंद्र निगम राज, इंदु राज निगम, संजय जैन के साथ शम्भू पावर (मीडिया), हीरा लाल गुप्ता (खेल) और जय प्रकाश शुक्ल (स्वास्थ्य) को सम्मानित किया गया।
पर्पल पेन पटल पर साप्ताहिक लिखित आयोजनों के कुशल संचालन के लिए संस्था द्वारा मीनाक्षी भटनागर, रजनी रामदेव, वंदना गोयल और डॉ. कविता सूद (ज़ीरकपुर, पंजाब) को ‘साहित्य प्रेरणा सम्मान’ दिया गया। सतत लेखन और सक्रिय सहभागिता के लिए मधुश्री के, गीता भाटिया, सुरेन्द्रपाल वैद्य (मंडी, हिमाचल प्रदेश), वीना तँवर और अश्वनी कुमार (पंचकुला) को ‘पर्पल पेन साहित्य रत्न सम्मान’ से अलंकृत किया गया।
लोकगीतों के संवर्धन एवं पुन: प्रवर्तन के लिए प्रकाशित पर्पल पेन साझा संग्रह ‘लोकगीतों की तरंगिणी’ में सहभागिता हेतु सुमित्रा सैनी, शारदा मदरा, सुप्रिया सिंह, सुषमा शैली, नीता शुक्ल, वीना तँवर, डॉ. पारुल तोमर और अन्यों को ‘साहित्य तरंगिणी सम्मान’ प्रदान किया गया।
मंचासीन अतिथिगण श्री सीमाब सुल्तानपुरी, श्री अशोक मैत्रेय, श्री मासूम ग़ाज़ियाबादी और सुश्री अनु तोमर ने सभी को अंगवस्त्र और ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया।
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अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उस्ताद शायर सीमाब सुल्तानपुरी ने पर्पल पेन और संस्थापक वसुधा ‘कनुप्रिया’ के साहित्यिक और सामाजिक कार्यों के प्रति समर्पण के लिए उनकी भूरी-भूरी प्रशंसा की। आपकी मयारी शायरी सुनकर सदन वाह वाह कर उठा।
मुख्य अतिथि डॉ. अशोक मैत्रेय ने भी बधाई देते हुए कहा कि यह साहित्यिक यात्रा इसी प्रकार अनवरत जारी रहे। आपने प्रेरक दोहों, मुक्तकों के माध्यम से जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखे।
अपने आशीर्वचन के बाद मशहूर शायर श्री मासूम ग़ाज़ियाबादी ने शानदार अशआर पेश किए और सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। आपके एक-एक शेर पर श्रोता रीझ गए।
एशियन गोल्ड मेडलिस्ट शूटर सुश्री अनु तोमर ने अपने वक्तव्य में बचपन से किये कड़े परिश्रम और अपनी सफलता की यात्रा का उल्लेख लिया। आपने बताया कि गृह ग्राम बड़ौत में आप प्रक्षिक्षण केंद्र चलाती हैं, जहाँ बालिकाओं के प्रोत्साहित करने के लिए पचास प्रतिशत छूट पर ट्रेनिंग दी जाती है। आपने कविता पाठ भी किया।
प्रथम सत्र में वसुधा ‘कनुप्रिया’ ने पर्पल पेन संस्था की गतिविधियों और वर्ष भर के कार्यक्रमों का ब्योरा दिया।
द्वितीय सत्र की शुरुआत भूपेंद्र कुमार के बाँसुरी वादन से हुयी। इसके बाद लोकार्पित संग्रह ‘लोकगीतों की तरंगिणी’ की प्रतिभागी महिलाओं ने खड़ी बोली, पंजाबी, अवधी, मैथिलि, भोजपुरी, आदि भाषाओं में लोकगीतों का गायन कर अद्भुत छटा बिखेरी।
तत्पश्चात कविगण ने एक से बढ़कर एक ग़ज़ल, गीत, दोहे, मुक्तक आदि पढ़ कर समां बांध दिया। डॉ. रंजना अग्रवाल, जगदीश मीणा, प्रमोद शर्मा असर, अरविन्द असर, विनय विक्रम सिंह, असलम बेताब, अरविन्द कर्ण, गुरचरण मेहता रजत और अन्यों ने बेहतरीन काव्य पाठ किया।
अनिल मीत, रामकिशोर उपाध्याय, ओम प्रकाश शुक्ल, दिनेश आनंद, पूनम झा, उर्वी उदल, स्वाति गोयल, अनिल मासूम, छत्र छाजेड़, सत्यम भास्कर, दिनेश गोस्वामी सहित बड़ी संख्या में अन्य साहित्यिक संस्थाओं के पदाधिकारी और कविगण ने भी पर्पल पेन वार्षिक उत्सव जश्न-ए-अल्फ़ाज़ में बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। दिल्ली/एनसीआर के अतिरिक्त पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश से भी समूह के सदस्यों ने इस भव्य आयोजन में हिस्सा लिया। वार्षिक उत्सव के प्रथम सत्र का सञ्चालन मीनाक्षी भटनागर ने और द्वितीय सत्र का सञ्चालन पूजा श्रीवास्तव ने किया। पर्पल पेन संस्था की अध्यक्ष वसुधा ‘कनुप्रिया’ ने धन्यवाद ज्ञापित कर कार्यक्रम का समापन किया।