भारत में घरेलू इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में 2022 और 2030 के बीच 49% ग्रोथ मिलने की पूरी संभावना है, यह इकोनॉमिक सर्वे 2023 के ताजा आकड़े हैं, इस रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक एक करोड़ गाड़ियों की सेल सालाना होगी.
टेस्ला की इलेक्ट्रिक गाड़ियों के सेल में अपनी अलग ही बादशाहत रही है, लेकिन चीन की ईवी ऑटो कंपनी बीवाईडी के सेल्स के आंकड़ें ने एलन मस्क की चिंता बढ़ा दी है. चीन की ईवी ऑटो कंपनी बीवाईडी केवल 3400 गाड़ियों के सेल से पीछे थी. टेस्ला की बादशाहत को चीन की यह कंपनी कभी भी पीछे छोड़ सकती है.
एलन मस्क को इलेक्ट्रिक ऑटो सेंगमेंट में अपनी बादशाहत बनाये रखने के लिए, भारत के इलेक्ट्रिक वाहन मार्किट में प्रवेश करना बहुत ही जरुरी था. इसकी एलन मस्क को पूरी जानकारी थी, इसलिए उन्होंने पूरे प्रयास से भारत के इलेक्ट्रिक ऑटो सेंगमेंट प्रवेश करने का निर्णय लिया.
जहां 30 सितम्बर को समाप्त 3 महीनों में , बीवाईडी की ग्लोबल सेल्स 431,603 थी, वहीं इसी अवधि के दौरान टेस्ला ने 435,059 कारें एक्सपोर्ट कीं. दोनों कंपनियों के बीच केवल 3,456 व्हीकल का अंतर मिला, जो कि बहुत ही कम था. टेस्ला के लिए यह बड़ी ही चिंता का विषय है.
भारत की अर्थव्यवस्था बहुत बड़ी और मजबूत है, एप्पल जैसी कंपनी की सफलता में भारत का बड़ा हाथ है. हर विदेशी कंपनी भारत में निवेश करने के लिए हमेशा सबसे आगे रहती है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार टेस्ला भारत की अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में 24 हजार डॉलर यानी करीब 20 लाख रुपये की लो कॉस्ट ईवी कार का निर्माण करेगी. साल 2024 तक भारत में टेस्ला की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट शुरू हो सकती है.