बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पे X पर पोस्ट ड़ालते हुए कहा कि बिहार में जातीय जनगणना के आकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं
बिहार में जातीय जनगणना आने के बाद INDIA गठबंधन में खुशी की लहर देखी जा सकती है वही यह मांग उठने लगी है कि दूसरे राज्यों में जातीय जनगणना भी हो, विपक्षी नेता भी केन्द्र सरकार से यह मांग कर रहे है वही बिहार मे कुल आबादी 13 करोड़ के आस – पास है.

आकड़ो के मुताबिक बिहार में सबसे ज्यादा हिन्दुओं की संख्या 81.99% है , वही बिहार में दूसरी सबसे ज्यादा संख्या मुस्लिम समुदाय की 17.7 प्रतिशत है ,अगर बात करे ईसाई समुदाय की संख्या 0.057 प्रतिशत है बोद्ध धर्म की संख्या 0.0851 प्रतिशत है| जैन धर्म की संख्या 0.0096 प्रतिशत है , वही किसी भी धर्म को न मानने वालो की संख्या 2146 है.
बिहार मे जातीय जनगणना की आज सर्वदलीय बैठक , JDU, RJD, काग्रेस समेत 9 दल शामिल होगें इसकी रिपोर्ट भी साझा की जाएगी
कैसे हुई गणना
जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मित से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था बिहार बिधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था 02-06-2022 को मंत्रीपरिषद से ईसकी स्वीकृति ली गई थी
इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है. जाति आधारित गणना से ना सिर्फ जातियों के बारे मे पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है इसी के आधार पे सभी वर्गों के विकास और उत्थान के लिए काम किया जाएगा