'पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदा गया था विस्फोटक', FATF की रिपोर्ट से कई बड़े खुलासे

मंगलवार (आठ जुलाई, 2025) को जारी रिपोर्ट में वर्ष 2019 के पुलवामा हमले और वर्ष 2022 के गोरखनाथ मंदिर पर हुए हमले का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलवामा हमले के लिए आतंकियों ने जो आरडीएक्स तैयार किया था, उसे बनाने के लिए उन्होंने अमेजन से जरूरी केमिकल अल्यूमीनियम पाउडर मंगवाया था। जबकि गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाले इस्लामिक स्टेट (आइएस) से प्रभावित आतंकी ने ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफार्म का इस्तेमाल करता था।
फरवरी, 2019 में हुआ था आत्मघाती हमला
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, ‘फरवरी, 2019 में भारतीय सुरक्षा बलों पर एक आत्मघाती हमला हुआ था जिसमें 40 सैनिकों की मौत हुई थी। भारत की जांच में यह पता चला कि यह जैश-ए-मोहम्मद की साजिश थी। जांच में यह भी पता चला कि बड़ी मात्रा में विस्फोटकों को सीमा पार से भारत लाया गया था।
विस्फोटक करने का सामान अमेजन से खरीदा
विस्फोटक तैयार करने के लिए जरूरी एक प्रमुख तत्व अल्यूमीनियम पाउडर को ईपीओएम, अमेजन से खरीदा गया था। इसका इस्तेमाल विस्फोट की तीव्रता बढ़ाने के लिए किया गया था। जांच के बाद 19 लोगों के विरुद्ध मामला दायर किया गया था। इन पर आतंकियों को फंडिंग करने के आरोप भी लगाए गए थे। इनमें सात विदेशी नागरिक थे।’
यह उदाहरण रिपोर्ट में ऑनलाइन कारोबार और आतंकी गतिविधियों के बीच के रिश्तों को सामने लाने के लिए दिया गया है। इस चैप्टर में इस्लामिक स्टेट ने किस तरह से आनलाइन प्लेटफार्म और इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल अपने एजेंडे को फैलाने के लिए किया है, इसका भी विस्तार से जिक्र है।
आतंकी ने गोरखनाथ मंदिर पर हमला किया था
इसी तरह रिपोर्ट में एक अन्य जगह ऑनलाइन पेमेंट सर्विस और वीपीएन के दुरुपयोग का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि तीन अप्रैल, 2022 को आतंकी संगठन आइएस से प्रभावित आतंकी ने गोरखनाथ मंदिर पर हमला किया था।
इसकी जांच उत्तर प्रदेश एटीएस ने की थी और फोरेंसिक जांच में यह बात पता चली थी कि किसी व्यक्ति ने विदेश से पे-पाल (भुगतान पोर्टल) से उक्त आतंकी को 7,685 डॉलर (6,69,841 रुपये) की राशि ट्रांसफर की थी। जांच में यह तथ्य भी सामने आए कि आतंकी ने आइएस के कई लोगों को भी वारदातों को अंजाम देने के लिए पैसे भेजे थे।
वीपीएन के जरिए किए गए पेमेंट
जांच में पता चला कि उक्त व्यक्ति ने अपने बैंक खाते के जरिये एक वीपीएन प्रदाता को भुगतान किया था। पे-पाल लेनदेन के व्यापक विश्लेषण से पता चला कि कुल 669,841 रुपये के लगभग 44 अंतरराष्ट्रीय थर्ड-पार्टी लेनदेन विदेशी खातों में किए गए थे। इसके अतिरिक्त उसने पे-पाल के जरिये एक विदेशी खाते से धन प्राप्त किया था। एफएटीएफ ने कहा कि पेमेंट सर्विस प्लेटफार्म का उपयोग करके आनलाइन फंड ट्रांसफर में ट्रांसफर करने वाले और प्राप्तकर्ताओं की स्पष्ट पहचान कठिन हो जाती है।
‘कांप्रिहेंसिव अपडेट ऑन टेरोरिस्ट फाइनेंसिंग रिस्क्स’ रिपोर्ट में एफएटीएफ ने राज्य प्रायोजित आतंकवाद को भी चिन्हित किया है। कहा है कि सूचना के विभिन्न सार्वजनिक रूप से उपलब्ध स्त्रोतों एवं प्रतिनिधिमंडलों के इनपुट से संकेत मिलता है कि कुछ आतंकी संगठनों को कई देशों की सरकारों से वित्तीय और अन्य प्रकार की सहायता प्राप्त होती रही है और अब भी मिल रही है।
ई-कामर्स प्लेटफार्मों का उपयोग आतंकी गतिविधियो के लिए हो सकता है
विभिन्न प्रकार की सहायता में सीधे तौर पर वित्तीय सहायता, रसद एवं सामग्री की सहायता या प्रशिक्षण शामिल है। एफएटीएफ ने कहा कि ई-कामर्स प्लेटफार्मों (ईपीओएम) का इस्तेमाल आतंकी अपनी गतिविधियों को वित्तपोषित करने के लिए वस्तुओं को बेचने के लिए भी कर सकते हैं, जिसमें कम मूल्य की वस्तुएं शामिल हैं, जिनकी पहले मांग नहीं थी। ईपीओएम का इस्तेमाल व्यापार आधारित मनी लांड्रिंग योजनाओं से प्रेरित होकर पैसे के स्थानांतरण के लिए भी किया जा सकता है।