आज अणुव्रत अमृत महोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में अणुव्रत विश्व भारती सोसाइटी के तत्वावधान में अणुव्रत संसदीय मंच की ओर से राजनीति का आकाश और अणुव्रत विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया!
बुराइयों, नैतिक ह्रास और पतन को एसे रोका जा सकेगा
संगोष्ठी में साध्वी अणिमाश्री ने कहा कि सयंम आत्मानुशासन से ही संभव है! अपने सांसदों का आह्वान किया कि जन प्रतिनिधियों की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वे स्वयं के साथ समाज में नैतिकता और चारित्रिक उन्नयन और नैतिकता को पुनर्जीवित करने का प्रयास करें तो बुराइयों, नैतिक ह्रास और पतन को रोका जा सकेगा!
देश की आजादी के साथ ही यह वर्ष अणुव्रत का भी अमृत वर्ष
केंद्रीय कानून, संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री ने कहा है, कि अणुव्रत अनुशास्ता महान संत आचार्य तुलसी ने अपनी दूरदर्शी सोच से वर्षों पूर्व स्वयं द्वारा प्रवर्तित अणुव्रत आंदोलन के माध्यम से न केवल नेताओं बल्कि आम व्यक्ति के लिए सटीक आचार संहिता बना दी थी, जोकि आज भी सर्वाधिक प्रासंगिक है! यह सुखद संयोग ही है कि देश की आजादी के साथ ही यह वर्ष अणुव्रत का भी अमृत काल वर्ष है!
इस मौके पर अणुव्रत संसदीय मंच की सराहना करते हुए संयम, अपरिग्रह, नैतिकता, सत्य, अहिंसा के मूल मंत्रों को अंगीकार करने के साथ ही युवा पीढ़ी में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए सामूहिक प्रयासों पर बल दिया!