, होगी श्रीमद्भागवत कथा एंव रासलीला भी
वृन्दावन से पधारे कथाव्यास व रासलीला मण्डली द्वारा मंच से होंगे आयोजन
सोनभद्र ।
काशी से दक्षिण दशवीं शताब्दी में द्वितीयकाशी नाम से ख्यात परिक्षेत्र की सिहावल तपस्थली में नवरात्रि चैत्र प्रतिपदा से विराट रुद्रमहायज्ञ का आरम्भ कलश स्थापना से हुआ। 101 कलश आच्छादित मण्डप में स्थापित किया गया। महायज्ञ के संरक्षक डॉ0 परमेश्वर दयाल श्रीवास्तव ” पुष्कर ” ने बताया कि संत रामनिवास शुक्ल की अध्यक्षता में आयोजित महायज्ञ 9 से 17 अप्रैल तक चलेगा। यज्ञ प्रतिदिन प्रथम प्रहर में होगा जबकि द्वितीय प्रहर में 3 से 6 बजे तक श्रीमद्भागवत कथा तदुपरान्त सन्ध्या 7 से 11 बजे रात्रि तक नवरात्रि भर रासलीला का मंचन होगा।
संरक्षक डॉ0 परमेश्वर पुष्कर ने दीनबंधु जंगली बाबा भिखारी रमाशंकर गिरि के निर्देशन में संचालित कार्यक्रम के संदर्भ में आगे बताते हुए कहा कि अंतिम दिवस कन्या विवाह कार्यक्रम आयोजित है। कहा कि जड़ीबूटी से हवन एंव प्रतिदिन भंडारा होता रहेगा।
प्रतिपदा को कलश स्थापना के पश्चात भण्डारा शुरू किया गया जिसमें प्रथम दिवस का भण्डारा उपजिलाधिकारी राजेश सिंह की ओर से प्रदेय रहा।
कलश यात्रा , स्थापना व भण्डारा कार्यक्रम तक आद्योपांत उपस्थित रही अध्यक्ष रामनिवास शुक्ला, यज्ञाचार्य रेवती तिवारी, मोहन तिवारी, वेदान्ती चौबे, अमरनाथ पटेल, विकास चौबे, युगलकिशोर झा, उदित लाल अग्रहरि, लवकुश कुमार, पूर्व चेयरमैन राजेश कुमार “बब्लू” , यादवेंद्र शुक्ला, परशुराम शुक्ला, मुन्नर यादव, राजनारायण पाल,मुन्ना भण्डारी , तौलन पाल, शिवनारायण पाल, कृपा पाल, रामनयन मिश्र की। यात्रा – भण्डारा , पूजन – आरती व अन्यान्य कार्यक्रम में अनेक गणमान्यजन व श्रद्धालुभक्तों की सम्यक समुपस्थिति रही यज्ञ आयोजन में मन्त्र प्रतिध्वनि के बीच।
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