
"साहित्य नव सृजन" के पंचम वार्षिकोत्सव, सम्मान समारोह एवं "अक्षर अक्षर शंखनाद" का भव्य लोकार्पण मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन वसुंधरा में हुआ.
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यातिथि माननीय कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार,विधायक ,साहिबाबाद श्री सुनील शर्मा ने दीप प्रज्वलन कर किया .कार्यक्रम के अध्यक्षता की प्रो .राज नारायण शुक्ल (पूर्व अध्यक्ष , राजभाषा उत्तर प्रदेश सरकार) ने. वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री संजीव किशन सूद (Rtd. Additional Director Gereral of BSF,श्री आशुतोष अग्निहोत्री (कंसल्टिंग एडिटर, न्यूज1इंडिया) रहे.विशेष सान्निध्य रहा डॉ. अलका अग्रवाल,(डायरेक्टर ,मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन ) का.

कार्यक्रम की शुरुआत संस्था के अध्यक्ष ओंकार त्रिपाठी कृत “अक्षर – अक्षर शंखनाद ” कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा एवं सभी मंचासिन अतिथियों द्वारा किया गया.
कैबिनेट मंत्री ने पुस्तक लोकार्पित करने के उपरांत उद्बोधन में कहा कि जिस प्रकार राजनेता देश की दशा और दिशा का उतरदायी होता है, उसी प्रकार एक साहित्यकार समाज की चेतना का आधार होता. जन जागृति का केंद्र होता है. साहित्यकार अपनी लेखनी के माध्यम से जन मानस की सोच को व्यापक और जागृत बना सकता है. आगे उन्होंने कहा कि 5 साल की साहित्य नव सृजन संस्था ने साहित्य के लिए अनेकों जागरूक साहित्यिक अभियान चलाए हैं. संस्था की संस्थापिका अनुपमा जी के प्रयास,उनकी मेहनत प्रत्यक्ष दिख रही है. ऐसे हीं संस्था , उत्तरोत्तर प्रगति करती रहे.मेरी शुभकामना है.
कार्यक्रम अध्यक्ष राजनारायण शुक्ल जी ने कहा कि संस्था ने अपनी साहित्य धर्मिता तो निभाई हीं है, साथ हीं अपने प्रयास से सनातन एवं हिंदुत्व का अलख जगाया है.

विशिष्ट अतिथि आशुतोष अग्निहोत्री ने कहा कि संस्था ने 5 सालों में साहित्य के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य किया है.अब उसे अपना फलक बड़ा करना चाहिए. साहित्य के साथ - साथ मानवता के लिए भी कार्य करना चाहिए. देश के सजग प्रहरी, मानवता के सेवी चिकित्सकों, सफाईकर्मियों का भी सम्मान करना चाहिए,जिससे उनका उत्साह वर्धन हो और संस्था का चहूं दिशिक विस्तार हो.
मंचासिन उद्बोधन के बाद, वरिष्ठ,नामचीन एवं स्थापित साहित्यकारों को "साहित्य नव सृजन संस्था" की तरफ से मंचासिन अतिथियों द्वारा विशिष्ट व्यक्तित्व सम्मान - 2025 ,एवं प्रगतिशील रचनाधर्मियों को साहित्य सृजन सम्मान - 2025 प्रदान कराया गया.

पूरे कार्यक्रम का शानदार संचालन संस्था की संस्थापिका महासचिव अनुपमा पांडेय ‘भारतीय’ ने की.
अंत में संस्था की सचिव एवं सुप्रसिद्ध कवयित्री वंदना कुंवर रायजादा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया.