newjport.com

अक्षर भारती ने 1मार्च को नारी विशेष कार्यक्रम संजोया जिसमें साहित्यिक नारियों ने मिलकर खुशबू बिखेरी, वो खुशबू जिसमें विचारों के अलग अलग खूबसूरत पुष्प थे। नारियों का साथ देती नारियां एक ऐसे समाज के तरफ़ अग्रसर कर रही थी जो भारत को सजग, सुगठित,सांस्कृतिक,सामाजिक और पारिवारिक रूप में पूर्णता से फलीभूत करेगा।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सुनीता छाबड़ा , राज श्री जैन और वसुधा कनुप्रिया ने की और अपने अनमोल शब्दों से इस कार्यक्रम के उद्देश्य में प्रकाश पुंज भर कार्यक्रम को संपूर्ण बनाया।

साहित्यिक प्रतिभागी रहे डॉ कविता सिंह प्रभा, अनुपमा पांडे’भारतीय’, नेहा शर्मा, अनन्या पहाड़ी , वीणा अग्रवाल, रेणु मिश्रा , पाण्डेय, पूजा श्रीवास्तव , पूजा भारद्वाज , स्मिता , ईशा भारद्वाज,डॉ मनीषा मणि, डॉ दीप्ति मिश्रा , श्वेता श्रीवास्तव,मंजू कुशवाहा, पूनम मल्होत्रा, कुलदीप कौर दीप , सीमा सिन्हा मैत्री ,डॉ दीपा ,पिंकी सिंघल। सबकी कविताओं, ग़ज़लों, गीत ने नारी के हर रंग को न केवल समेटने की कोशिश की अपितु एक नए समाज का निर्माण करती दिखी। जहाँ नारी सजग, कोमल, सहृदय मगर गलत पर रौद्र रूप धारण करती और एक दूसरे का साथ दे अब हर बेड़ियों को तोड़ , अपने साथ की सुंदरता से भारत का नया रूप गढ़ने निकली है।

अक्षर भारती के अक्षर अक्षर तिलक बन इन नारियों को प्रणाम कर रहे थे।

कार्यक्रम का संचालन अक्षर भारती की विशेष सचिव प्रेरणा सिंह ने किया और उपाध्यक्ष डॉ सत्यम भास्कर जी ने उसे दिशा दी। कार्यक्रम की संपूर्ण रूपरेखा और व्यवस्था उपाध्यक्ष डॉ सत्यम भास्कर जी की और उनकी वज़ह से ही ये कार्यक्रम सफल रूप में परिभाषित हो पाया।

कार्यक्रम में महासचिव हिमांशु शुक्ल जी ने और संयुक्त सचिव सचिन परवानाजी ने विशेष आग्रह पर कविता पाठ किया और सबकी आँखें नम कर गए। महिलाओं की भावनाओं को समझने वाले पुरुष भी समाज में हैं इस बात के परिचायक ये बन कार्यक्रम को सफ़ल बना गए।

अध्यक्ष अक्षय जैन ने कार्यक्रम का समापन करते हुए सबको आभार प्रकट किया , साथ ही सबके साहित्यिक जीवन के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की।

administrator

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *