घोरावल के सिहावल में चल रहे विराट रुद्रमहायज्ञ सँग श्रीमद्भागवत कथा एवं रासलीला के सप्तम दिवस को उमड़ा जनसैलाब। यहाँ प्रवहमान आध्यात्मिक त्रिवेणी में अवगाहन कर प्राप्त किया पुण्यलाभ।
पुण्यप्रदा भागवत कथा में वृन्दावन से आये बाल व्यास रवि शास्त्री ने श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह के प्रसंग को बखूबी उकेरते हुए हरण के सन्दर्भ परिभाषित किये। विषयगत तथ्यों के आलोक में बाल व्यास ने हलधर बलराम की कथा पर भी भरपूर रोशनी डाली। रुक्मिणी के हरण करने के कथ्य के साथ ही शिशुपाल के प्रसंग भी व्याख्यायित किये।
रासलीला के लोकलुभावन कार्यक्रम में मीराबाई के वृत्तांत परिदृश्य के साथ कुशलता से मंचित किये वृन्दावन से आई सन्त परमानन्द की मण्डली ने। नवरात्रि 9 अप्रैल को कलश यात्रा के साथ विराट रूद्र महायज्ञ का आरम्भ द्वितीयकाशी की तपोस्थली सिहावल में हुआ जहां सातवें दिवस भक्तों का जमावड़ा रहा। डॉ0 अनिल कुमार मौर्य विधायक घोरावल, प्रतिनिधि सुरेंद्र मौर्य, मण्डल अध्यक्ष शिवद्वार सुनील चौबे, भाजपा के जिला एंव घोरावल के पदाधिकारी, मनोज चौबे व श्रद्धालुओं – भक्तप्राण जनों की भीड़ शामिल हुई आध्यात्मिक त्रिवेणी में।
सन्त रामनिवास शुक्ल की अध्यक्षता एवं डॉ0 परमेश्वर दयाल श्रीवास्तव “पुष्कर” के संरक्षकत्व में चल रहे प्रतिदिन तीन आध्यात्मिक कार्यक्रमों के विशद आयोजन में अखण्ड प्रताप सिंह, ओमप्रकाश सिंह, रामशंकर , लवकुश कुमार , शालिक राम गुप्ता, उदित लाल अग्रहरि, कैलाशनाथ उमर, तौलन पॉल, कृपा पॉल, पँचधारी , गणेश , मुन्ना भण्डारी व मुनेश्वर तथा अन्यान्य गणमान्य जनों की सक्रिय समुपस्थिति रही। यज्ञ अनुष्ठान का कुशल संयोजन रहा दीनबंधु रामशंकर गिरी भिखारी जंगलीदास का।