श्री गुरुमाणिक नाथ धाम के तत्वावधान में उत्तरैणी-मकरैणी पर्व की धूम
दिल्ली वजीराबाद स्थित सूर यमुनाघाट में श्री गुरुमाणिक नाथ धाम के तत्वावधान में मकरैणी-उत्तरैणी स्नान मेला का आयोजन श्रीगुरुमाणिक नाथ सर्वजन कल्याण सेवा संस्था द्वारा मकरैणी-उत्तरैणी महोत्सव का आयोजन सभी क्षेत्रीय समाज की संस्थाओं एवं 27 कीर्तन मण्डलीयों सहित मिलकर इस पर्व को रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। कड़ाके की ठंड के बावजूद सूर यमुना घाट पर लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। इसके लिए संस्था ने विशेष इंतजाम किये थे।
संस्था के संस्थापक एवं महासचिव लखपत सिंह भण्डारीनेगी ने संस्था के कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि हमारी संस्था श्री गुरुमाणिक नाथ धाम के तत्वावधान में मकरैणी-उत्तरैणी स्नान मेला का आयोजन पिछले 11 सालो से सूरयमुना घाट दिल्ली में मकरैणी-उत्तरैणी स्नान मेला का आयोजन कर रहे है। दिल्ली में रहने वाले लोगों तक पहुंचाने के लिए हमने मकरैणि/उत्तरैणी स्नान मेला जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों को जरिया बनाया। धीरे-धीरे दूर दूर से यहां लोग आने लगे। उत्तराखंड को यूं ही देवभूमि नहीं कहां जाता है, बल्कि यहाँ के रग-रग में देवत्व हर समय विद्यामान है। अनेक पर्व त्यौहार इसकी आस्था को बयाँ करते हैं, यहां के मेले अनेकता को एकता के सूत्र में पिरोते है।
इन्हीं मेलों में खास है उत्तरायणी मेला। उत्तरायणी उत्तराखंड का सबसे मशहूर मेला है। इस मेले में दूर-दूर से लोग आते हैं। उत्तरायणी मेला आज इतना लोकप्रिय बन चुका है कि इसे ना सिर्फ उत्तराखंड में बल्कि दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़ ओर मुंबई में भी मनाते है। माना जाता है कि जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो उसी दिन सूर्य उत्तरायण हो जाता है। इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाओं का विशेष महत्व है और खिचड़ी भोग बड़ा पुण्यकारी माना जाता है।
श्री गुरुमाणिक नाथ धाम संस्था के अध्यक्ष उमेद सिंह ग्वाड़ी ने सभी अतिथियों का एवं उपस्थित उत्तराखंड समाज के लोगों का इस भव्य आयोजन में शामिल होने और उत्तराखंड की लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए हृदय से आभार व्यक्त करते हुए सभी को उत्तरायणी-मकरैणी की शुकामनायें एवं बधाई दी।पंडाल में प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम ने उपस्थित जनसमूह को आनंद विभोर कर दिया। इस मौके पर संस्था से सभी गणमान्य सदस्य उपस्थित थे।