पंजाब के इन गांवों में लव मैरिज पर लगा बैन
पंजाब के कई गांवों में अपने ही गांवों में शादी कराने के बढ़ते प्रचलन के कारण पंचायतों ने सामूहिक बहिष्कार के प्रस्ताव पारित किए हैं। यह संवैधानिक रूप से वैध नहीं है क्योंकि पंचायतों के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है परंतु पंचायतें सामाजिक दृष्टि से ऐसे निर्णय को उचित मान रही हैं।
पहले गांवों की बेटियों को सभी अपनी बेटियों की तरह मानते थे और गांव में शादी करने वाले लड़के को पूरा गांव अपना दामाद मानता था लेकिन हाल के समय में युवा अपने ही गांवों में शादियां करने लगे हैं।
सामाजिक दृष्टि से पंचायतों द्वारा पारित किए गए प्रस्ताव सही हैं, लेकिन कानूनी दृष्टिकोण से पंचायत किसी भी युवा को अपने ही गांव में शादी करने से रोक नहीं सकती।
बठिंडा जिले के गांव कोटशमीर, फरीदकोट के गांव सिरसड़ी व अनोखपुरा तथा मानसा जिले के गांव सैदेवाला की पंचायतों ने बैठक कर यह प्रस्ताव पारित किया है कि कोई भी युवक अपने ही गांव में शादी नहीं कराएगा। जो ऐसा करेगा, उसका सामूहिक बहिष्कार किया जाएगा।
फरीदकोट जिले के कोटकपूरा विधानसभा क्षेत्र के गांव सिरसड़ी की सरपंच ज्ञान कौर व गांव अनोखपुरा के सरपंच बलजीत सिंह का कहना है कि अपने ही गांव में शादी कराने से सामाजिक मान्यताएं कमजोर हो रही हैं जिस कारण ऑनर किलिंग के मामले भी बढ़ने लगे हैं।
सरपंचों ने पंजाब सरकार से इस प्रस्ताव को राज्यभर में लागू करने की मांग की है और पंजाब विधानसभा में इस मुद्दे पर विचार करने की भी अपील की है।