सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को झटका देते हुए उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है.आपको बता दे की सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर को सुनवाई पूरी करके अपना फैसला सुरक्षित रखा था.इसी साल 26 फरवरी को (CBI) ने उन्हे गिरफ्तार किया था.
सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की पीठ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी ने यह फैसला सुनाते हुए कहा की मामलें की सुनवाई 6 से 8 महीने में पूरी कर ली जाए , अदालत ने आगे कहा कि अगर मुकदमा धीमी रफ्तार से आगे बढ़ता है तो सिसोदिया बाद के फेज में जमानत के लिए फिर से अपील कर सकते हैं.सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा अभी ट्रायल शुरू होने दिजिए इसके तीन महीने बाद अर्जी दाखिल कर सकते हैं,वही कोर्ट के यह भी कहना था की 338 करोड़ रूपये की लेन देन की बात अस्थायी रूप से साबित होती दिख रही है .हालांकि यह साफ नही हुआ की पैसे किसे ट्रांसफर हुए हैं.
सिसोदिया के वकील ने क्या कहा
सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिघंवी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था की सीधे तौर पर सिसोदिया से जुड़ा कोई साक्ष्य है ही नही तो उन्हे सलाखों के पीछे रखने की कोई जरूरत नही है सिसोदिया के वकील ने आगे दलील दी की उन्हें भागने का भी कोई खतरा नही है.ED का यह आरोप है की नई शराब नीति ही धोखा देने के लिए बनाई गई हैं.
क्या था पूरा मामला
26 फरवरी को (CBI) ने मनीष सिसोदिया को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. नवंबर 2021 में दिल्ली सरकार ने बड़े जोर – शोर से नई आबकारी नीति लॉन्च की इससे शराब काफी सस्ती हो गई और रिटेलर्स को डिस्काउट देने की छूट मिली.
सिसोदिया पर क्या है आरोप
कोरोना काल में नुकसान की भरपाई के लिए शराब बेचने वाली कंपनियों की लाइसेंस फीस माफ कर दी गई हैं.
एक ब्लैक लिस्टेड कंपनी को दो जोन के ठेके दे दिए गये
ड्राई डे की संख्या 23 से घटाकर 3 कर दी गई
ठेकेदारों का कमीशन 2.5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया हैं.
संवादसंग्रहकर्ता : अनुराग त्रिपाठी