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घने जंगलों के बीच स्थित हॉटस्पॉट पार्क कर रहा आकर्षित पर्यटकों को -जिलाधिकारी
सोनभद्र ।

जिले में सोनपार हाथीनाला का पार्क बायोडाइवर्सिटी हाॅटस्पाट इस वक्त खुद में अजूबा – अनूठा शक्ल ले चुका है जहाँ खुद- ब- खुद खिंचे चलेआने का पर्यटकों का सिलसिला शुरू हो चुका है। इसे विकसित करने को पर्यटन विभाग द्वारा एक करोड़ 99 लाख की परियोजना स्वीकृति की गयी है जिससे परस्पर विकास प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई है। इन तथ्यगत आंकड़ो की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी चन्द्रविजय सिंह ने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा स्वीकृत परियोजना से पार्क में दो मेन गेट, बंम्बू कैंटीन, पाथ-वे, तीन बंम्बू गजीबो – बत्तीस पत्थर बेंच और दो वाच टावर बनाये जा रहे हैं। बंम्बू कैंटीन पर्यटकों के आकर्षण के केन्द्र के रूप में तब्दील हो चुका है तो बच्चों के खेलने के लिए झूला व टायर वाल वगैरह व्यवस्था है।मौके की नजाकत यह है कि जहां बच्चों द्वारा लुत्फ उठाया जा रहा है वहीं प्रकृति प्रेमियों के लिए चार हजार हेक्टेयर में फैला यह जंगल ट्रैकिंग के लिए पूरी तौर पर मुफीद है। यहाँ पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सी0सी0 टी0वी0 कैमरे भी स्थापित कर दिये गए हैं।


जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह ने कहा है कि सोनभद्र जिले के रेनुकूट वन प्रभाग, तहसील-दुद्धी में स्थित हाथीनाला बायोडाइवर्सिटी हाॅटस्पाट का नजारा सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। यह हाॅटस्पाट वनाच्छादित क्षेत्र के मध्य स्थित है और यहाँ की प्राकृतिक सुन्दरता अद्भुत है, परिदृश्य नैसर्गिक है। यहाँ ब्रितानी सल्तनत के समय से संस्थापित गेस्ट हाउस भी मौजूद है जो पेश करता है अतीत की दास्तान तो वर्तमान में हाथीनाला बायोडाइवर्सिटी हाॅटस्पाट पार्क में पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए विकसित किया जा रहा है।

बकौल डीएम के इसके लिए पर्यटन विभाग उ0प्र0 द्वारा 1.99 करोड़ के परियोजन की स्वीकृति दी गयी है। इस परियोजना के अन्तर्गत पार्क में दो मेन गेट, बंम्बू कैंटीन, पाथ वे, तीन बंम्बू गजीबो बत्तीस पत्थर बेंचे, दो वाच टावर, मिट्टी कटाव रोकने के लिए नाले के दोनों ओर रिटेनिंग वाल, पर्यटकों के लिए ठण्डा जल उपलब्ध कराने के लिए चार वाटर कूलर, पार्क में पानी की ब्यवस्था के लिए एक बोरिंग पाइप लाइन बिछाने आदि का कार्य, पार्क की सुरक्षा हेतु फेंसिंग कार्य, दो वाॅकवे-ब्रिज, इण्टर प्रिटेशन सेन्टर, बंम्बू रिसेप्सन सेन्टर नेचर ट्रेल स्ट्रीट लाइट आदि कार्य कराया जा रहा है।जिलाधिकारी ने बताया कि अभी तक शासन द्वारा 1 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की गयी है जिससे मेन गेट, पाथ – वे, कैंटिन, वाॅचटावर, गजीबो, आरो कूलर, रिटेनिंग वाल, वाटर सप्लाई, चिल्ड्रेन पार्क, स्टोन बेंच आदि कार्य कराये जा चुके हैं। कहा कि बंम्बू कैंटिन पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। यहाँ पर जंगली आबोहवा व जंगल का नजारा देखने के लिए आने वाले पर्यटकों के लिए बेहतर व्यवस्था की गयी है, इसके साथ ही पार्क में एडवेंचर गेम भी मौजूद है, जिसमें जीप लाइन, रोप वाक, स्टेप वाक आदि शामिल है। बच्चों के खेलने हेतु झूला, टायर वाल, सीसाँ, आदि मौजूद है, जिनका बच्चों द्वारा भरपूर लुत्फ उठाया जाता है।


यहाँ स्थानीय पौधे जैसे आसन, बबूल, बहेड़ा, बाँस, बेल, विजयसाल, चिलबिल, ढाक, सिद्ध, हल्दू, खैर, करचा, खाजा, चिरौजी, तेन्दू आदि बहुतायात में पायी जाती है। यह क्षेत्र वर्ड वाचन के लिए भी अनुकूल है, यहाँ मुख्यतः चकवा, तिंडारी, रेड जंगल फाउल, हाउस क्रो, इण्डियन रोलर, सैण्ड ग्रोउस आदि पाये जाते हैं। वन्य जीवों की बात करें तो यहाँ लंगूर मंकी, लोमड़ी गीदड़, चीतल, सुअर, नील गाय, चमगादड़ आदि उपलब्ध हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिए चार हजार हेक्टेयर में फैला यह जंगल ट्रैकिंग के लिए मुफीद है, पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सी0सी0 टी0वी0 कैमरा भी स्थापित किये गये है।

newjport के लिए डॉ.परमेश्वर दयाल पुष्कर की रिपोर्ट

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