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आगरा में महावीर दिगम्बर जैन मन्दिर, डी ब्लॉक, कमला नगर आगरा में आज पुज्य श्री द्वारा सूर्यमंत्रित जिनालय में प्रतिष्ठित जिन प्रतिमाओं का *स्वर्ण कलशों से महामस्तकाभिषेक महावीर भगवान, श्री आदिनाथ भगवान का महाशान्तिधारा महामहोत्सव मनाया गया l धर्मसभा का प्रारम्भ आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के चित्र के सम्मुख दीपप्रज्जवलन कर हुआ। जिसमें परिवार ने मुनिश्री का पाद प्रक्षालन कर मुनिश्री को शास्त्र समर्पित किए। मंच का संचालन मनोज जैन ने किया l

निर्यापक मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी महाराज जी अपने प्रवचन में कहा कि मानव के अंदर ये विशेषता होती है जो कहता है कि नही, मेरी जिदंगी में जो कुछ भी है माँ-बाप तय करेगे, माँ बाप मेरा खाना तय करेंगे, मेरा रहना तय करेंगे, मैं तय नही करूँगा l

जब सब तरफ से प्रत्येक द्रव्य का बंटवारा हुआ है और बंटवारे में भी मेरे नाम सारी संपत्ति है तो फिर खर्च करने का अधिकार हमारा स्वतंत्र होना चाहिए, ऐसी सब लोगों की सहमति होगी। बस यही जिंदगी का सबसे बड़ा मूल्यवान पॉइंट है, इस पर टिकी है सारी सृष्टि। अनादिकाल से अपन सबका कल्याण इसलिए नही हुआ। जब तक हमारा प्रस्ताव यह है कमाई हमारी धन हमारा और खर्च भी समझ लेना अपनी जिदंगी में कभी हम ऊँचाईयाँ प्राप्त नही करेगे, हमारा डाउन फाल होगा। जो पिता अपने बेटे को ये छूट दे देता है कि बेटा मैंने तेरे लिए सौ रुपये दे दिये, तू जा जिस पर खर्च करने है कर लेना, समझ लेना वो पिता अपनी जिंदगी में बहुत बड़ी भूल कर रहा है, उसे पिता होने का अधिकार ही नही है, वो पिता के वेष में पशु है, पिता के रूप में बेटे का दुश्मन है। महानुभाव बहुत करुणा दया करके कह रहा हूँ- बेटे से इतना लाड़ प्यार मत करना कि बेटे की जिंदगी बर्बाद हो जाये, वो कुल को कलंकित कर दे, कल के दिन बेटा तुम्हारे काबू में न रहे। नीति बनाई गई कि बेटे को सौ नही, पाँच सौ नही, सारी वसीयत दे दो लेकिन उसके साथ तुम्हे कहना पड़ेगा, बेटा ये बताओ किसके लिए चाहिए। यदि बेटा जबाब नही देता है किसके लिए तो थप्पड़ मारकर ले लेना, मुट्ठी न छोड़े तो अंगुली में फ्रेक्चर हो तो हो जाने देना, सौ रुपये वापिस ले लेना। स्वच्छंद बेटे को कोई प्यार नही, कोई राशि नही, कंजूस नही बना रहा हूँ पहले बताओ किस चीज के लिए। यदि वो नही बता रहा है तो यही हो गया है कि वो किसी गलत कार्य के लिए जा रहा है। अच्छे कार्य के लिए होता तो स्पष्ट कह देता।

हर बेटे से मेरा कहना है कि पिता से पैसा कितना भी मिले साथ मे ये लिस्ट भी लेना- पिताजी मैं किसमे खर्च करूँ ये निर्णय आप दो, ये है श्रेष्ठ बेटा। जो बेटा खर्च की लिस्ट पिता से लेता है उस बेटे की जिंदगी में कभी भी खतरा नही आ सकता, उस बेटे की जिंदगी संस्कार विहीन नही हो सकती, वो बेटा कभी कुल को कलंकित नही कर सकता क्योंकि पिता कभी अहितकारी कार्य के लिए नही देगा। पिताओं से मेरा कहना है बेटे को कुछ भी दो उसके साथ खर्च की लिस्ट देना इनमें से कोई चीज चाहिए हो तो पैसा पकड़, नही तो मैं पैसा नही दूँगा, मैं भी किसी गुरु का चेला हूँ। बेटे से कंजूसी नही करना, शर्त है इतने ख़र्च के लिए दे रहा हूँ, चाहे मुझे कर्जा करके लाना पड़े। यदि बेटे पर तुमने इतना अधिकार जमा लिया जाओ वो बेटा तुम्हारे नाम को दिन दूना, रात चौगुना सारी दुनिया मे फैलाएगा। हमारे प्रभु ने जैनजाति ऐसी बनाई है जिसके दुःख में कोई न कोई रोने वाला जरूर मिलेगा, जैनी के घर मे कोई नही होगा तो पड़ोसी रोयेगा, जैनी का स्वभाव ही ऐसा होता है। जैनी के आचार-विचार ऐसे होते है कि वो किसी न किसी के लिए प्यारा होता है। मैंने हर जाति वालों से पूछा तुम मकान किसके पड़ोस में चाहोगे, उसने कहा आपकी कृपा हो तो जैन के पड़ोस में रहूँ क्योंकि हर व्यक्ति जानता है जैनी का नेचर क्या होता है।

सभा में प्रदीप जैन पीएनसी चक्रेश जैन पीएनसी योगेश जैन पीएनसी जगदीश जैन अध्यक्ष आगरा दिगंबर जैन परिषद पारस बाबू जैन, दिलीप जैन, रुपेश जैन, के के जैन, नीरज जैन, शिखर जैन सिघई, पवन जैन चाँदी, अनिल जैन रईस, अनिल जैन एफसीआई, नरेश जैन लुहाड़िया, राकेश जैन बजाज, समकित जैन मीडिया प्रभारी राहुल जैन एवं सकल जैन समाज मौजूद था l मीडिया प्रभारी राहुल जैन ने बताया कि कल सुबह 7 बजे से महामस्तकाभिषेक एवंमुनि श्री मंगल प्रवचन होंगे l

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