जम्मू कश्मीर के राजौरी में बुधवार दोपहर से आंतकियों और सेना के बीच मुठभेड़ जारी हैं.इस मुठभेड़ में सेना के 2 कैप्टन समेत कुल सेना के 4 जवान शहीद हो गए है.और 1 मेजर समेत दो जवान घायल हो गए हैं.आतंकी ठिकाना बने एक कच्चे मकान से महिलाओं व बच्चों को बचाते हुए सैन्य अधिकारियों ने अपना सर्वोच बलिदान दिया. घायल सैन्यकर्मियों को ऊधमपुर में सेना के कमान अस्पताल में पहुंचाया गया है.मुठभेड़ स्थल पर रुक रुक कर गोलीबारी जारी है. एक आतंकी के भी घायल होने की खबर है.
राजौरी से करीब 70 किलोमीटर दूर कालाकोट के गुलाबगढ़ के जगल में ग्रामीणों ने संदिग्धों के देखे जाने की खबर सुरक्षाबलों को दी थी. सूत्रो के अनुसार राष्ट्रीय रायफल की टीम जंगल में बने एक कच्चे मकान में तलाशी के लिए घुसी तो उसके निचले तल पर छिपे आतंकियों ने गोलियां बरसानी शुरू कर दी. एस अभियान का नेतृत्व कर रहे सेना के कैप्टन मौके पर ही शहीद हो गए.इस घर में कई महिलाएं और बच्चे भी थे, जिन्हे सुरक्षित निकालना सेना की पहली प्राथमिकता थी.इसके बाद सेना ने आपरेशन में पैरा कमाडो भी उतारे. अभियान के दौरान पैरा कमांडो टीम के कैप्टन व हवलदार भी बलिदान हो गए, जबकि इसी टीम के मेजर आर 2 जवान घायल हो गए. उन्हे सेना के चापर से कमान अस्पताल ऊधमपुर रेफर कर दिया गया है.स्थानीय लोगों ने बताया कि मंगलवार रात आतंकियों ने जंगल में रह रहे बक्करलबाल समुदाय के लोगों को पीटा. इसी सूचना पर सेना ने बुधवार को तलाशी अभियान को चलाया था.
कुछ काम बाकी जल्द ही वापस आऊंगा राजौरी एनकाउंटर में शहीद हुए आगरा के लाल कैप्टन शुभम गुप्ता से पिता की आखिरी बातचीत.
कैप्टन शुभम गुप्ता के पिता बताते है की दो दिन पहले ही बेटे से फोन पर बात हुई थी. उस वक्त उसने कहा थी की कुछ काम बाकी है. उसे पूरा करके बहुत जल्द वापिस आऊंगा.दो दिन बाद ही छुट्टी पर घर वापिस आने वाला था.पिछले 15 दिनों से बस यही कह रहा था कि एक काम है उसे करके आ रहा हूं. लेकिन अब उसके शहीद होने की खबर आई है.
परिवारवाले इस वर्ष शुभम गुप्ता की शादी की तैयारियों में थे. इसी बीच शुभम के शहीद होने की खबर आ गई. शुभम के शहीद होने की खबक जैसे ही परिवारवालो को मिली तो घर में शोक की लहर दौड़ गई.शुभम की मां बेशुद हो गई.और पिता को रो- रोकर बुरा हाल हो गया.
संवादसंग्रहकर्ता : अनुराग त्रिपाठी