डीपफेक वीडियो आज चर्चा का विषय बना हुआ है. इलेक्ट्रानिक्स और आइटी मंत्री अश्विन वैष्णव ने डीपफेक वीडियो लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है.उन्होने कहा की अगले 10 दिनों में सरकार इसके लिए स्पष्ट कार्ययोजना का मसौदा जारी करेगी. अश्विन वैष्णव ने आगे कहा डीपफेक वीडियो अपलोड करने वाले व प्लेटफार्म दोनों पर लगेगा जुर्माना.गुरूवार को वैष्णव ने सभी प्रमुख इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म,शिक्षावादियों और टेक विशेषज्ञों के साथ इसको लेकर बैठक की.
पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसको लेकर आगाह किया था.मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित मसौदा डीपफेक वीडियों की जांच व पहचान करने ,उसे प्रसारित होने से रोकने , वीडियो के डीपफेक होने या उसके शक होने पर उसकी जानकारी देने एवं डीपफेक को लेकर जागरूकता फैलाने जैसे 4 मानकों को ध्यान में रखकर जारी किया जाएगा.नए नियम में डीपफेक वीडियो अपलोड करने वाले एक जिस प्लटफार्म पर उस वीडियो को अपलोड किया जाएगा,दोनो पर जुर्माना लगेगा.इटंरनेट मीडिया प्लटफार्म पर डीपफेक वीडियो की जिम्मेदारी होगी.अपलोड करने वालो पर सजा का प्रवधान हो सकता है.
इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म को ऐसी व्यवस्था करनी होगी , जिससे यूजर को आसानी से पता चल सके कि कोई वीडियो असली है या फिर डीपफेक. डीपफेक वीडियो की सूचना देने का मैकेनिज्म इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म को तैयार करना होगा.इससे यह फायदा होगा की अगर किसी ने डीपफेक वीडियो डाल भी दिया तो यह लोगो तक मही पहुंच पाएगा.
वैष्णव ने आगे कहा की डीपफेक के रूप में नया खतरा उभर रहा है,जिसके तहत इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर आवाज या तस्वीर को लेकर फर्जी वीडियो या आडियो तैयार किया जाता है. यह समाज के लिए हानिकारक है.इसे रोकने के लिए सरकार और इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म दोनों अनिवार्य रूप से जागरुकता फैलाएंगे.
क्या है डीपफेक वीडियो.
डीपफेक वीडियो या वीडियो दोनों रुप में हो सकता है. इसे एक स्पेशल मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके बनाया जाता है जिसे डीप लर्निंग कहा जाता है.डीप लर्निंग में कंप्यूटर को दो वीडियोज या फोटो दिए जाते हैं जिन्हें देखकर वह खुद ही दोनों वीडियो या फोटो को एक ही जैसा बनाता है.एक लाइन में कहे तो डीपफेक, रियल इमेज को बेहतर फेक वीडियोज में बदलने की एक प्रक्रिया है.
संवादसंग्रहकर्ता : अनुराग त्रिपाठी