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अशोक मधुप

वरिष्ठ पत्रकार

ये यक्ष प्रश्न दुनिया में गूंजने लगा है कि हमास और इस्राइल युद्ध कैसे रूके? दुनिया चाहती है कि युद्ध रूके ,शांति हो। इस युद्ध में हो रहे मानवता का विनाश बंद हो। पर प्रश्न है कि हो कैसे ?न इस्राइल मानने को तैयार है न हमास।इन दोनों की जंग में गाजापट्टी का आम नागरिक बच्चे और औरतें मर रही हैं।घायल और बीमार को इलाज नही मिल रहा। गाजापट्टी में हुआ विकास बड़े− बड़े भवन, व्यापारिक केंद्र अस्पताल खंडहर में तबदील होते जा रहे हैं।

हमास ने सात अक्टूबर को इज़राइल में हमला करके

इज़राइल के साथ-साथ क्षेत्र में चल रहे सामान्यीकरण और शांति के प्रयासों को बंद कर दिया। इस्राइल पर हमास ने औचक हमला कर सबको चौंका दिया। किया।इस हमले में 20 मिनट में पांच हजार के आसपास राकेट दागे गए।इतना ही नहीं यह इस्राइल का सुरक्षा घेरा और दीवार तोड़कर अपनी सुरक्षा और मारक क्षमता के लिए विख्यात इस्राइल में घुंस गए।उन्होंने इस्राइल में भारी तबाही मचाई। इस हमले में इस्राइल के एक हजार से ज्यादा नागरिक मारे गए। तीन हजार के आसपास घायल हुए हैं। सूचनाएं हैं कि 250 के आसपास महिला और बच्चों सहित इस्राइल के नागरिकों का अपहरण कर लिया।हमास के आंतकियों ने महिलाओं का निवस्त्र कर उनके सम्मान को तार− तार करने कोई कसर नही छोड़ी। हमास ने सड़कों पर महिलाओं के नग्न शव घुमाए गए थे और बच्चों को काटकर, जलाकर या अन्य क्रूर तरीकों से मार डाला गया था। इसके बाद इजराइल जवाबी कार्रवाई कर रहा है।

इस्राइल की सुरक्षा व्यवस्था, सेना और गुप्तचर व्यवस्था पूरी दूनिया में विख्यात हैं।इस सबके बावजूद वहां इतना बड़ा नुकसान हुआ।इस्राइल के पास दुनिया का आधुनिकतम सुरक्षा, प्रतिरक्षा और विश्व विख्यात सूचनातंत्र है।फिर भी वह इस हमले के सामने विफल होकर रह गया। इससे भी महत्वपूर्ण और बडी बात यह है कि इस्राइल की सैन्य अजेयता की प्रतिष्ठा धूमिल हो गई है। इससे इजराइल बौखलाया हुआ है। वह गुस्से में बुरी तरह तिलमिला रहा है। परिणाम स्वरूप उसका इरादा हमास को खत्म कर देने का है। एक माह से चालू युद्ध में वह गाजा पर बड़े पैमाने पर हमले कर रहा है।उसका इरादा हमास को पूरी तरह खत्म कर देने का है।इस्राइल गाजा पर बड़े पैमाने पर हमले का सहारा ले रहा है ताकि वह उस प्रतिरोध को बहाल करने की कोशिश कर सके जो उसे कभी मिला था, फिर भी यह निश्चित नहीं है कि अगर गाजा को नष्ट कर दिया जाता है और फिर से कब्जा कर लिया जाता है तो भी वह इसे पूरा कर पाएगा।

दरअस्ल युद्ध हमास और इस्राइल के बीच है।हमास फ़लस्तीन का इस्लामिक चरमपंथी समूह है, जो गाज़ा पट्टी से संचालित होता है। 2007 में गाज़ा पर नियंत्रण के बाद हमास के विद्रोहियों ने इसराइल को बर्बाद करने की कसम खाई थी।तब से लेकर हालिया हमले तक ये चरमपंथी संगठन इस्राइल के साथ कई बार युद्ध छेड़ चुका है।दूसरा पक्ष इस्राइल है। हमास और इस्राइल के युद्ध में गाजापट्टी का आम नागरिक बच्चे पिस रहे हैं,इसका युद्ध से कोई वास्ता नही। युद्ध से कोई लेना −देना नही। हमास इन्ही गाजापट्टी नागिरिकों बीच छिपे बैठे हैं।इस्राइल की परेशानी है कि वह हमास लड़ाकों और आम नागरिक में भेद कैसे करे? उसने गाजापट्टी का आम नागरिक से पिछले दिनों अपील भी की कि वह गाजा छोड जांए।काफी चले गए ,किंतु अब भी बड़ी संख्या में गाजा में रहने को मजबूर हैं। आरोप है कि हमास उन्हें नही जाने दे रहा। वह आम नागरिक की आड़ लेकर बचना चाह रहा है।

दुनिया चाहती है कि यह विनाशकारी युद्ध रूके।इस्राइल पर दबाव भी है,किंतु सात अक्तूबर का औचक और बड़े पैमान पर हुए हमले को इस्राइल भुलाने को तैयार नही। वह हमास को खत्म करके ही रूकने की बात कर रहा है। उधर इसके 250 के आसपास बंदी भी अभी रिहा नही हुए। उस पर मानसिक दबाव है कि अपने इन बंदियों को सुरक्षित रूप से छुडाए।

इसी दौरान फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के प्रवक्ता गाजी हमद ने दावा किया है कि हमास सात अक्टूबर को इज़राइल पर किए गए हमलों को बार-बार दोहराएगा। बता दें कि, इस दिन हमास ने भूमि, वायु और समुद्र के माध्यम से यहूदी राष्ट्र में एक आश्चर्यजनक घुसपैठ शुरू की थी।इसी बीच 24 अक्टूबर को लेबनानी टीवी चैनल एलबीसी के साथ एक साक्षात्कार में, हमास के प्रवक्ता गाजी हमद ने कहा कि, ‘हमें पूरी ताकत के साथ यह कहने में कोई शर्म नहीं है। हमें इज़राइल को सबक सिखाना होगा और हम ऐसा बार-बार करेंगे।’ गाजी हमद ने कहा कि ‘इज़राइल एक ऐसा देश है जिसका “हमारी भूमि पर कोई स्थान नहीं है और फिलिस्तीनी “कब्जे के शिकार” थे।’ उन्होंने “कब्जा समाप्त करने” का भी आह्वान किया।

उधर इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू का कहना है कि जंग ख़त्म होने के बाद “अनिश्चित काल” के लिए ग़ज़ा पट्टी की “पूरी सुरक्षा की जिम्मेदारी” इसराइल के पास होगी।अमेरिकी चैनल एबीसी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में ये कहा है.इस इंटरव्यू में उन्होंने हमास के कब्ज़े से बंधकों को छुड़ाए जाने तक युद्ध रोकने की मांग को पूरी तरह ख़ारिज कर दिया।उन्होंने कहा, “जहां तक समय-समय पर छोटे-छोटे विरामों की बात है – एक घंटा या दो घंटे रुकना – हम पहले भी ऐसा कर चुके हैं। मेरा मानना है कि हम परिस्थितियों को देखेंगे, ताकि सामान, मानवीय मदद अंदर आ सके।”अमेरिका, फ्रांस सहित कई यूरोपीय देश इस संघर्ष को अस्थायी रूप से रोकने (पॉज़) की अपील कर रहे हैं।उधर इसराइली सरकार में मंत्री एमिचाई एलियाहू ने हमास के ख़िलाफ़ ‘ग़ज़ा पट्टी में परमाणु हथियार के इस्तेमाल’ की बात की है। हालाकि इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने इसका खंडन किया है,किंतु सरकार के एक मंत्री के बयान से स्पष्ट हो जाताहै कि इस्राइल इस समस्या से निपटने के लिए किसी भी सीमातक जा सकता है।

हमास के बारे में जानकारी रखने वाले मानते हैं कि सात अक्टूबर को जब हमास ने हमला किया तो उसकी प्लानिंग ने सबको हैरान कर दिया। सात अक्टूबर को किए गए हमले की प्लानिंग से पता चलता है कि हमास लबी अवधि के लिए जंग लड़ने की तैयारी करके बैठा है।जंग शुरू होने से पहले हमास के पास 40 हजार लड़ाके बताए जा रहे थे। इजराइल की बमबारी में नौ हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इजराइल के पास अभी इस सवाल का जवाब नहीं है कि इनमें से कितने हमास के लड़ाके हैं और कितने आम लोग।इजराइली सेना के मुताबिक वो हमास के 50 से ज्यादा टॉप कमांडरों को खत्म कर चुकी है।जंग से पहले हमास के पास 15 हजार रॉकेट्स का जखीरा था। इसमें 8100 से ज्यादा रॉकेट्स इजराइल पर दागे जा चुके हैं। अब भी सात हजार रॉकेट्स बचे हैं। 2008 की जंग के वक्त हमास के रॉकेटों की अधिकतम सीमा 40 किमी (25 मील) थी, लेकिन 2021 तक यह बढ़कर 230 किमी हो चुकी है।गाजा में 80 फीट की गहराई में बनी सुरंगें भी हमास के लिए किसी हथियार से कम नहीं हैं। हमास का प्लान था कि वो इजराइली सैनिकों को सुरंगों के जरिए घेर कर मारेंगे, ताकि इजराइल परेशान होकर जल्द सीजफायर का ऐलान कर दे। इजराइल ने दावा किया है कि वो 100 ऐसी सुरंगों को तबाह कर चुका है। चार नवंबर को इजराइली सेना के प्रवक्ता डेनियल हागरी ने दावा किया कि अब तक की जंग में गाजा अब दो हिस्सों में बंट चुका है। उत्तरी गाजा और दक्षिणी गाजा। उत्तरी गाजा में हम हमास का सफाया कर रहे हैं और दक्षिण में घायलों की मदद। अगर हमें लगता है कि दक्षिण में भी कोई हमास लड़ाका है तो उसे भी मार गिराया जा रहा है। इससे साफ हो गया है कि जंग के 30 दिन पूरे होते-होते इजराइली सेना ने गाजा के दो टुकड़े कर दिए हैं। इतना ही नहीं, महीने भर की इस जंग ने फिलिस्तीन के नक्शे के अलावा हमास की ताकत और मुस्लिम देशों की सियासत को बदलकर रख दिया है। गाजा को हथियारों की सप्लाई ईरान और लीबिया से होती है। इस्राइल काप्रयास इस आपूर्ति और हमास की आर्थिक मदद रोकने का होगा ताकि वह जल्दी हथियार डाल दे।

हमास की तैयारी को देखते हुए लगता है कि वह जल्दी हार नही मानेगा। उसने हमला बहुत सोच समय कर किया होगा।उसने हमले से पूर्व उसके परिणाम पर गंभीरता के साथ सोचा होगा। जैसे उसका हमला चौकाने वाला था, हो सकता है कि हमले के बाद इस्राइल से निपटने की तैयारी भी चौंकाने वाली हों। ऐसे में युद्ध कितना लंबा चलेगा, यह नही कहा जा सकता।

अशोक मधुप

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)

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