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1 ‌”सांस लेने का सुख”

नहीं, नहीं, नहीं
मत लिखो वो मेरे लिए
जो है ही नहीं मेरा।
ओढ़ा दिया गया जो
वो तुम्हारा था,तुम्हारा है
तुम्हारा ही रहेगा।
तुम तुम थे, तुम हो, तुम ही रहो सदा
मैं तुम्हारे लिए थी, तुम्हारे लिए हूं
तुम्हारे लिए रहूंगी सदा….
यह जो तुम्हारा होना है
बस,
वही मेरा है
चाहती हूं
तुम इस पर लिखो
ताकि ओढ़ाए हुए के भार से मुक्त मैं
खुल कर ले सकूं सांस
क्यूंकि जो केवल मेरा ही है,
नितान्त अपना
वो है, सांस लेने का सुख।।

२.
स्याह -सफेद- सलेटी

ओह, एक सफेद बाल
दो चार पांच पन्द्रह…….
बढ़ते ही जा रहे हैं ।
रंगने को बहुत सारे तरीके हैं
सोचती हूं
कहीं जरुरत है काले को सफेद करने की
और कहीं सफेद को काला रंगने की ।
बस यही है जीवन यात्रा
स्याह- सफेद
सफेद- स्याह
और कभी सुरमई,सलेटी।

-‌ डॉ. प्रभाकिरण जैन ,नई दिल्ली
सम्पर्क- 9212251115

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